वरिष्ठ वैज्ञानिक निदेशक एरिक जे जैकब्स ने कहा, ‘‘वर्ष 2000 के बाद से ही अग्न्याशय कैंसर के मामलों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होती जा रही है.’’
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वॉशिंगटन: पचास साल की उम्र से पहले ही कोई व्यक्ति यदि ज्यादा वजन का शिकार हो जाता है तो अग्न्याशय कैंसर से उसकी मौत का जोखिम काफी बढ़ जाता है. एक अध्ययन में यह पाया गया है. शोधकर्ताओं ने कहा कि अग्न्याशय कैंसर के मामले तुलनात्मक रूप से कम सामने आते हैं. कैंसर के सभी नए मामलों में से करीब तीन फीसदी मामले अग्न्याश्य कैंसर के होते हैं. हालांकि, यह काफी जानलेवा किस्म का होता है. इसमें पिछले पांच साल में जीवित बचने की दर महज 8.5 फीसदी रही है.
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी में एपिडेमियोलॉजी रिसर्च के वरिष्ठ वैज्ञानिक निदेशक एरिक जे जैकब्स ने कहा, ‘‘वर्ष 2000 के बाद से ही अग्न्याशय कैंसर के मामलों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होती जा रही है.’’ उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हम इस बढ़ोतरी से पसोपेश में है, क्योंकि अग्न्याशय कैंसर का बड़ा कारण धूम्रपान अब कम होता जा रहा है.’’ शोध टीम ने अमेरिका के 963,317 ऐसे वयस्कों से जुड़े डेटा का परीक्षण किया जिनका कैंसर का कोई इतिहास नहीं रहा. इन सभी लोगों ने अध्ययन की शुरुआत के समय सिर्फ एक बार अपना वजन और अपनी लंबाई बताई. उस वक्त इनमें से कुछ लोग 30 साल के भी थे तो कुछ 70 या 80 साल के भी थे.
शोधकर्ताओं ने ज्यादा वजन के संकेतक के तौर पर बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की गणना की. बाद में शोध में हिस्सा लेने वालों में से 8,354 की मौत अग्न्याशय कैंसर से हो गई, लेकिन जोखिम में यह बढ़ोतरी उनमें देखी गई थी जिनके बीएमआई का आकलन शुरुआती आयु में किया गया था. जैकब्स ने कहा कि अध्ययन के नतीजे संकेत देते हैं कि अत्यधिक वजन से अग्न्याशय कैंसर की चपेट में आने का खतरा कई गुना बढ़ गया है.