World Hemophilia Day: इंग्लैंड क्वीन विक्टोरिया को भी थी खून को पानी बना देने वाली ये बीमारी, ऐसा हो जाता है हाल
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World Hemophilia Day: इंग्लैंड क्वीन विक्टोरिया को भी थी खून को पानी बना देने वाली ये बीमारी, ऐसा हो जाता है हाल

What Is Hemophilia In Hindi: हीमोफीलिया ब्लीडिंग डिसऑर्डर बीमारी है. इससे इंग्लैंड क्वीन विक्टोरिया और रॉयल फैमिली के कई सदस्य भी ग्रसित थे. इस बीमारी के लक्षण कारण और उपचार के बारे में आज हम आपको इस लेख में बता रहे हैं.

World Hemophilia Day: इंग्लैंड क्वीन विक्टोरिया को भी थी खून को पानी बना देने वाली ये बीमारी, ऐसा हो जाता है हाल

Hemophilia Day 2024: ब्लीडिंग डिसऑर्डर हीमोफीलिया को 'ए रॉयल डिजीज' के नाम से भी जाना जाता है. इसके पीछे का कारण है इंग्लैंड की रानी विक्टोरिया, जिन्होंने 1837-1901 तक शासन किया. माना जाता है कि उन्हें हीमोफिलिया बी या फैक्टर IX की कमी थी जिसके कारण जेनेटिकली उनके नौ बच्चों में से तीन को भी मिली थी. जिसके कारण उनके बेटे लियोपोल्ड की 30 साल की उम्र में गिरने के बाद ज्यादा खून बह जाने से मौत हो गई थी.

वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के आंकड़ों के अनुसार, आज के समय में 815100 लोग दुनिया भर में हीमोफीलिया से पीड़ित हैं. क्योंकि कई मामलों में यह जानलेवा साबित होता है इसलिए हर साल 17 अप्रैल को हीमोफीलिया डे के रूप में मनाया जाता है. ऐसे में बचाव के लिए यहां आप इस जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर को डिटेल में जान सकते हैं. 

क्या है हीमोफीलिया

CDC के अनुसार, हीमोफिलिया में रक्त का थक्का ठीक से नहीं जमता है. इससे चोट या सर्जरी के बाद बहुत ज्यादा खून बह जाता है.ऐसे लोगों के खून में उन प्रोटीन की कमी हो जाती है जिन्हें थक्का बनाने वाले कारक कहा जाता है. यह दो प्रकार का होता है- हीमोफीलिया ए और हीमोफीलिया बी.

हीमोफीलिया के लक्षण

जोड़ों में सूजन, दर्द या जकड़न का कारण बन सकता है
त्वचा में ब्लीडिंग
मुंह और मसूड़ों से ब्लीडिंग
टीका लगवाने के बाद ब्लीडिंग 
कठिन प्रसव के बाद शिशु के सिर में ब्लीडिंग
मूत्र या मल में खून
नाक से खून आना
चोट लगने पर खून का जल्दी ना रुकना

किसे है हीमोफीलिया का खतरा 

अधिकांश मामलों में हीमोफीलिया का खतरा मीडिल एज ग्रुप वाले लोग, बुजुर्ग लोग, युवा महिलाओं को होता है, जिन्होंने हाल ही में जन्म दिया है या गर्भावस्था के बाद के चरणों में हैं.

क्या है हीमोफीलिया इलाज

एनएचएस के अनुसार, हीमोफीलिया बी से पीड़ित लोगों के उपचार में नॉन कोग अल्फ़ा (बेनेफिक्स) नामक दवा के नियमित इंजेक्शन शामिल है. वहीं हीमोफीलिया ए से पीड़ित लोगों को ऑन-डिमांड ऑक्टोकॉग अल्फ़ा के इंजेक्शन या डेस्मोप्रेसिन नामक दवा दिया जाता है.

कैसे कर सकते हैं बचाव

चूंकि यह स्थिति आनुवंशिक है, इसलिए हीमोफिलिया को रोकने का कोई तरीका नहीं है. हालांकि, रोगी अपने ब्लीडिंग की आवृत्ति और गंभीरता को सीमित करने के लिए कदम उठा सकते हैं. 

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