महिलाओं में Heart Disease से मौत के खतरे को कम करता है Plant-based diet
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महिलाओं में Heart Disease से मौत के खतरे को कम करता है Plant-based diet

मेनोपॉज यानी पीरियड्स बंद हो जाने के बाद महिलाओं में हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है, ये बात कई स्टडीज में सामने आ चुकी है. अब एक नई रिसर्च की मानें तो ऐसी महिलाओं के लिए प्लांट बेस्ड डाइट फायदेमंद हो सकता है.

प्लांट बेस्ड डाइट के हैं कई फायदे

नई दिल्ली: प्लांट बेस्ड डाइट का अर्थ हुआ पौधों से मिलने वाली चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना. इसमें फल और सब्जियों के अलावा नट्स और सीड्स यानी सूखे मेवे और बीज, तेल, साबुत अनाज, दालें और फलियां, बीन्स आदि शामिल हैं. इस तरह की डाइट में जानवरों से प्राप्त होने वाले उत्पाद का सेवन नहीं किया जाता. कई स्टडीज में अब तक यह बात साबित हो चुकी है कि पौधों से मिलने वाली चीजों का अधिक सेवन करना सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है खासकर ब्रेन हेल्थ के लिए. लेकिन अब एक नई रिसर्च की मानें तो प्लांट बेस्ड डाइट (Plant based Diet) महिलाओं में अचानक मौत के खतरे को भी कम कर सकता है.

  1. प्लांट बेस्ड डाइट से महिलाओं में कम होगा अचानक मौत का खतरा
  2. हृदय रोग से मौत के खतरे को 12% तक कम करता है प्लांट प्रोटीन
  3. इस डाइट से पोस्ट मेनोपॉज डिमेंशिया से मौत का खतरा 21% होगा कम

मेनोपॉज के बाद महिलाओं के लिए प्लांट बेस्ड डाइट है फायदेमंद 

जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में हाल ही में प्रकाशित एक क्लीनिकल स्टडी में यह बात पता चली कि मेनोपॉज (Menopause) यानी रजोनिवृत्ति (पीरियड्स का बंद हो जाना) को पार कर चुकी महिलाएं जो पौधों से मिलने वाले प्रोटीन और प्लांट बेस्ड डाइट का अधिक सेवन करती हैं उनमें कार्डियोवस्क्युलर यानी हृदय संबंधी बीमारी (Heart Disease) और डिमेंशिया (Dementia) की वजह से अचानक मौत का खतरा कम था, उन महिलाओं की तुलना में जो प्लांट प्रोटीन का सेवन कम करती हैं.

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1 लाख से अधिक महिलाओं के डेटा की जांच की गई

इससे पहले डाइट को लेकर हुई रिसर्च में रेड मीट (Red Meat) से भरपूर डाइट का सेवन करने और हृदय रोग का खतरा अधिक होने के बीच संबंध देखने को मिला था. हालांकि स्टडी के ऑथर का कहना है कि खास तरह के प्रोटीन के बारे में मौजूद डेटा अपर्याप्त और अधूरा है. इस नई स्टडी में अनुसंधानकर्ताओं ने पोस्ट मेनोपॉज वाली 1 लाख महिलाओं के डेटा की जांच की. इन सभी की उम्र 50 से 79 साल के बीच थी जिन्होंने साल 1993 से 1998 के बीच नैशनल वीमेन्स हेल्थ इनीशिएटिव में हिस्सा लिया था. फरवरी 2017 तक इन सभी महिलाओं को फॉलो किया गया. 

25 हजार से अधिक महिलाओं की अलग-अलग वजहों से हुई मौत

स्टडी में शामिल होते वक्त इन महिला प्रतिभागियों ने एक प्रश्नावली के जरिए अपनी डाइट की पूरी जानकारी दी कि आखिर वे कब-कब अंडा, डेयरी, पोल्ट्री, रेड मीट, फिश और प्लांट प्रोटीन जैसे- टोफू, नट्स, बीन्स और मटर आदि का सेवन करती हैं. स्टडी की अवधि के दौरान कुल 25 हजार 976 महिलाओं की मौत हुई. इनमें से 6 हजार 993 मौतें हृदय रोग की वजह से, 7 हजार 516 मौत कैंसर (Cancer) की वजह से और 2 हजार 734 मौत डिमेंशिया की वजह से हुई. 

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ये रहे स्टडी के मुख्य नतीजे

-मेनोपॉज के बाद जिन महिलाओं ने सबसे कम प्लांट प्रोटीन का सेवन किया उनकी तुलना में सबसे अधिक प्लांट प्रोटीन लेने वाली महिलाओं में सभी वजहों से मौत का खतरा 9 प्रतिशत कम हुआ, हृदय संबंधी रोग की वजह से मौत का खतरा 12 प्रतिशत कम था और डिमेंशिया की वजह से मौत का खतरा 21 प्रतिशत तक कम हो गया. 

-रेड मीट का अधिक सेवन करने वाली महिलाओं में डिमेंशिया की वजह से मौत का खतरा 20 प्रतिशत तक अधिक था.

-बहुत अधिक मीट, अंडा और डेयरी उत्पाद का सेवन करने वाली महिालओं में हृदय रोग से मौत का खतरा क्रमशः 12 प्रतिशत 24 प्रतिशत और 11 प्रतिशत था.

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