Constipation की समस्या से परेशान हैं? आयुर्वेद में है इसका परफेक्ट इलाज
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Constipation की समस्या से परेशान हैं? आयुर्वेद में है इसका परफेक्ट इलाज

पानी कम पीने, फाइबर वाली चीजें कम खाने या फिर किसी दवा के साइड इफेक्ट के कारण भी कब्ज की दिक्कत हो सकती है. इन आयुर्वेदिक तरीकों को अपनाएं और कब्ज से छुटकारा पाएं.

कब्ज के लिए आयुर्वेदिक तरीके

नई दिल्ली: इन दिनों लोगों के खानपान की आदत में काफी बदलाव हुआ है. फल-सब्जियां, साबुत अनाज ये सारी फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन कम कर रहे हैं और प्रोसेस्ड फूड, ब्रेड, मैदा से बनी चीजें ज्यादा खा रहे हैं. साथ ही फिजिकल ऐक्टिविटी में भी कमी आ गयी है और इन सबका सीधा असर न सिर्फ आपकी सेहत पर बल्कि पाचन पर भी पड़ता है. यही कारण है कि इन दिनों बड़ी संख्या में लोगों में कब्ज (Constipation) की दिक्कत देखने को मिल रही है. लिहाजा कब्ज दूर करने के लिए स्टूल सॉफ्टनर या कोई अन्य दवा खाने की बजाए अगर आयुर्वेदिक तरीके (Ayurvedic ways) अपनाए जाएं तो पेट भी आसानी से साफ होगा और कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा.

  1. कब्ज के कारण पेट साफ होने में आती है दिक्कत
  2. फाइबर वाली चीजें न खाने, पानी कम पीने से होता है कब्ज
  3. कब्ज की समस्या के लिए आयुर्वेदिक तरीकों को अपनाएं

आयुर्वेद में कब्ज को वीबंध कहते हैं

भारत सरकार के नैशनल हेल्थ पोर्टल के मुताबिक आयुर्वेद में कब्ज को वीबंध कहा जाता है. इसमें नियमित रूप से मलत्याग नहीं होता, स्टूल बहुत हार्ड हो जाता है और स्टूल पास करने के दौरान जोर लगाना पड़ता है. इसके अलावा दर्द, पेट फूलना, पेट में असहजता महसूस होना जैसी दिक्कतें भी होती हैं. पानी कम पीने, फाइबर वाली चीजें (Fibre Food) कम खाने या फिर किसी दवा के साइड इफेक्ट के कारण भी कब्ज की दिक्कत हो सकती है. कभी-कभार कोलोन कैंसर (Colon Cancer) जैसी किसी गंभीर बीमारी के कारण भी कब्ज की समस्या देखने को मिलती है. जब शिशु को फॉर्मूला वाला दूध दिया जाता है, जब पॉटी ट्रेनिंग करवायी जाती है और जब बच्चा स्कूल जाना शुरू करता है उस वक्त भी बच्चों में कब्ज की शिकायत हो सकती है.

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इन आयुर्वेदिक तरीकों से दूर होगा कब्ज   

जब 3 दोषों में से एक वात (Vat) की ठंडी और सूखी क्वॉलिटी कोलोन (मलाशय) को सही तरीके से काम करने से रोकती है तब कब्ज की समस्या होती है. आयुर्वेद में कब्ज को दूर करने के लिए शरीर में हाइड्रेशन और लुब्रिकेशन (Hydration and Lubrication) बढ़ाने की सलाह दी जाती है ताकि अतिरिक्त वात को कंट्रोल किया जा सके.

- फाइबर से भरपूर डाइट का सेवन करें. गेंहू, चावल, हरी मूंग दाल, मौसमी फल, लहसुन, हींग, आंवला, सोंठ, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि खाएं.
- रोजाना कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पिएं. सुबह खाली पेट 1 गिलास गर्म पानी का सेवन करें. इससे भी कब्ज को दूर कर मलत्याग करने में मदद मिलती है. हर्बल टी का भी सेवन कर सकते हैं लेकिन सीमित मात्रा में.
- अपने भोजन में घी, तिल का तेल, ऑलिव ऑइल जैसी चीजों को शामिल करें. ये एक तरह से ऑर्गैनिक तेल हैं जो लुब्रिकेशन बढ़ाकतर कब्ज को दूर करने में मदद करते हैं. आप चाहें तो सोने से पहले 1 कप दूध में 1 चम्मच घी मिलाकर पिएं.
- कोलोन में मौजूद अतिरिक्त वात को दूर करने के लिए अनानास का जूस पिएं.     
- बहुत अधिक चाय, कॉफी, स्मोकिंग आदि से बचें. अपने मन से कोई भी दवा न खाएं. 
- बेमेल भोजन न करें. जैसे- दूध के साथ नमकीन चीजें, दूध के साथ खट्टी चीजें, दूध के साथ फल, गर्म और ठंडी चीजें एक साथ खाना- इन सारी आदतों से परहेज करें.

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