Monsoon Viral Infection: बारिश के मौसम में बीमार होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. इस दौरान कुछ ऐसे वायरस भी अब एक्टिव हो चुके हैं, जो शरीर को सिर्फ कमजोर नहीं बल्कि बेजान भी बना सकते हैं. भारत में मौत का खौफ फैलाने वाले ऐसे 4 वायरस के बारे में यहां आप जान सकते हैं.
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मानसून सिर्फ गर्मी से राहत ही नहीं बल्कि सौगात में अपने साथ कई तरह के वायरल इंफेक्शन भी लाता है. इस मौसम में खासतौर पर मच्छर के कारण होने वाले बीमारियों को खतरा काफी बढ़ जाता है.
इस साल चार वायरल संक्रमणों - चांदीपुरा, निपाह, जीका और कोविड-19 को लेकर विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है. देश में इसके प्रकोप से अब तक कई मौतें भी हो चुकी हैं. ऐसे में यहां आप इन संक्रमणों के लक्षणों, बचाव और उपचार के बारे में विस्तार से जान सकते हैं.
चांदीपुरा वायरस
फ्लेबोटोमाइन सैंडफ्लाई और फ्लैबोटामस पापाटासी जैसी कई सैंड फ्लाई प्रजातियां, तथा एडीज एजिप्टी जैसी कुछ मच्छर प्रजातियां, जो डेंगू का भी वाहक है, चांदीपुरा वायरस का वाहक मानी जाती हैं. यह वायरस बीमारी ज्यादातर 15 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है. गुजरात में इस वायरस के संक्रमण से 32 मौतें हो चुकी हैं तथा अब तक 84 मामलों की पुष्टि हो चुकी है.
लक्षण- इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और उल्टी शामिल हैं. गंभीर मामलों में दौरे और मस्तिष्क संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
इलाज- अभी तक इसका कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, लेकिन सहायक उपचार लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं.
निपाह वायरस
यह वायरल संक्रमण मुख्य रूप से चमगादड़, सूअर, कुत्ते और घोड़े जैसे जानवरों को प्रभावित करता है. एक जूनोटिक बीमारी होने के कारण, यह संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने वाले मनुष्यों में फैल सकता है और गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है. केरल में एक 14 वर्षीय लड़के की मौत हो गई है तथा 60 लोगों की पहचान उच्च जोखिम वाली श्रेणी में की गई है.
लक्षण- इस वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द और गले में खराश शामिल हैं.इसके बाद भ्रम, बेहोशी और कोमा जैसी गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं.
इलाज- निपाह वायरस के लिए कोई विशेष दवा नहीं है, लेकिन सहायक उपचार रोगी के स्वस्थ होने में मदद कर सकते हैं.
जीका वायरस
यह एक मच्छर जनित वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर हल्का होता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है. महाराष्ट्र में अब तक जीका के 34 मामले सामने आए हैं, जिनमें से पुणे सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 19 जुलाई तक 28 मामले सामने आए हैं.
लक्षण- ज्यादातर मामलों में कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन कुछ लोगों में बुखार, सिरदर्द, लाल चकत्ते, जोड़ों में दर्द और आंखों में जलन जैसे लक्षण हो सकते है.
इलाज- गर्भवती महिलाओं में ज़िका वायरस जन्म दोषों, विशेष रूप से माइक्रोसेफली (छोटा सिर) का कारण बन सकता है, जीका वायरस का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों का प्रबंधन किया जा सकता है.
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कोविड-19
कोविड-19 का प्रकोप 2020 से आज तक जारी है. भारत में, औसत दैनिक मामले 26 जून को 215 प्रतिदिन से बढ़कर जुलाई के पहले सप्ताह के अंत तक 307 प्रतिदिन तक तेजी से बढ़ रहे हैं. संख्या में अचानक वृद्धि का कारण नया KP.2 वेरिएंट (FLiRT) है, जो पिछले वेरिएंट की तुलना में अत्यधिक संक्रामक है, जिसके परिणामस्वरूप मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है.
लक्षण- इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, थकान, सांस लेने में तकलीफ, गंध या स्वाद का जाना और शरीर में दर्द शामिल हैं. कुछ लोगों में दस्त और उल्टी जैसे लक्षण भी हो सकते हैं. कोविड-19 के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में तकलीफ और मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) हो सकता है.
बचाव- कोविड-19 के लिए टीकाकरण सबसे अच्छा बचाव है. इसके अलावा, मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और नियमित रूप से हाथ धोना भी आवश्यक है.
वायरल संक्रमणों से बचाव के उपाय
अपने आसपास के क्षेत्र को साफ रखें और मच्छरों के पनपने से रोकने के लिए उपाय करें. घर के अंदर और बाहर रहते हुए मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें. पूरी तरह से पकी हुई चीजें ही खाएं और साफ पानी पिएं. बीमार जानवरों के संपर्क में आने से बचें. नियमित रूप से हाथ धोते रहें. बीमार व्यक्ति के संपर्क से बचें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.