ऐसे में भले ही आपको कोई बीमारी ना हो, लेकिन आपकी इम्यूनिटी मजबूत है या नहीं इसकी पहचान कैसे की जा सकती है, यह जानना बेहद जरूरी है. अगर आपको भी अपने शरीर में ये संकेत नजर आएं तो समझ जाइए कि आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो गया है और आपको उसे मजबूत बनाने की जरूरत है.
अगर आपको भी बार-बार कान में इंफेक्शन, साइनस की प्रॉब्लम, सर्दी-जुकाम या निमोनिया की दिक्कत रहती है या फिर अगर आपको साल में 3 बार से ज्यादा एंटीबायोटिक का कोर्स लेने की जरूरत पड़ती है तो यह निश्चित है कि आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है.
मेडिकल साइंस की मानें तो साल में 2-3 बार सर्दी-जुकाम होना कॉमन सी बात है. लेकिन अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है तो जरा सा मौसम बदलने पर आपको सर्दी-जुकाम हो सकता है और आप बीमार पड़ सकते हैं. साथ ही एक बार सर्दी-खांसी हो जाए तो लंबे समय तक ठीक नहीं होती क्योंकि कमजोर इम्यूनिटी की वजह से रिकवरी मुश्किल होती है.
कमजोर इम्यून सिस्टम का सबसे अहम संकेत है स्ट्रेस यानी तनाव का लेवल बहुत अधिक होना. अगर आप लंबे समय तक अपने स्ट्रेस को इग्नोर करें तो इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिसकी वजह से शरीर में सफेद रक्त कोशिकाएं और लिम्फोसाइट्स कम हो जाते हैं और शरीर इंफेक्शन से लड़ नहीं पाता.
इम्यून सिस्टम यानी रोगों से लड़ने की आपकी ताकत अगर कमजोर हो तो आपको रोजमर्रा के काम करने के लिए भी पूरी एनर्जी नहीं मिलती और हर वक्त थकान महसूस होती रहती है. कई बार तो रात में पूरी नींद लेने के बाद थकान और एनर्जी की कमी महसूस होती रहती है. इसके लिए भी आपका कमजोर इम्यून सिस्टम ही जिम्मेदार है.
अगर आपको भी अक्सर हड्डियों के जोड़ों में दर्द महसूस होता है तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी का एक संकेत हो सकता है. अगर शरीर का इम्यून सिस्टम लंबे समय तक कमजोर रहे तो जोड़ों में सूजन और इन्फ्लेमेशन होने लगता है जिससे दर्द की समस्या होती है.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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