क्या आपको लगता है कि आपके आसपास के लोग आपको देख रहे हैं या सुन रहे हैं, जिसके कारण आप पेशाब नहीं कर पाते हैं? यदि हां, तो आप शाय ब्लैडर सिंड्रोम से पीड़ित हो सकते हैं.
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क्या आपको कभी पब्लिक टॉयलेट में पेशाब करने में परेशानी हुई है? क्या आपको लगता है कि आपके आसपास के लोग आपको देख रहे हैं या सुन रहे हैं, जिसके कारण आप पेशाब नहीं कर पाते हैं? यदि हां, तो आप शाय ब्लैडर सिंड्रोम (Paruresis) से पीड़ित हो सकते हैं. यह एक साइकोलॉजिकल स्थिति है जो शर्मीलेपन, चिंता या सामाजिक डर के कारण पेशाब करने में कठिनाई का कारण बनती है. यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है, और यह किसी भी उम्र में हो सकता है.
शाय ब्लैडर सिंड्रोम के कारणों का अभी भी पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है, लेकिन यह माना जाता है कि यह सामाजिक चिंता, प्रदर्शन चिंता या बचपन के शॉक से संबंधित हो सकता है. यह सिंड्रोम व्यक्ति के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है, जिससे उन्हें सामाजिक गतिविधियों से बचने, यात्रा करने में कठिनाई और काम या स्कूल में परेशानी हो सकती है. यह बीमारी 12-30 आयु वर्ग के लोगों में ज्यादा देखी जाती है. ज्यादातर मामलों में इसका इलाज संभव है और समस्या गंभीर होने पर मरीज को साइकोलॉजिकल काउंसलिंग की आवश्यकता होती है.
शाय ब्लैडर सिंड्रोम के मामले
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबकि, वडोदरा (गुजरात) की एक 10वीं कक्षा की छात्रा बार-बार होने वाले बुखार से पीड़ित थी. इलाज के दौरान भी उसे आराम नहीं मिला. बाद में पता चला कि वह शाय ब्लैडर सिंड्रोम से ग्रस्त थी. इसी तरह एक अन्य मामले में, 9वीं कक्षा के लड़के ने स्कूल जाना बंद कर दिया क्योंकि वह वहां शौचालय का इस्तेमाल नहीं कर पाता था. उसकी यूरिनरी ब्लैडर इतना फैल गया था कि वह सामान्य मात्रा (400 मिलीलीटर) से दोगुना (1 लीटर) पेशाब इकट्ठा कर सकता था.
बच्चों को आदतें सिखाएं
बच्चों को शौचालय संबंधी आदतें सिखाते समय सामाजिक परिवेश भी अहम भूमिका निभाता है. कभी-कभी शौचालय जाने की बातचीत को घर में ही हतोत्साहित किया जाता है, जिसका असर आगे चलकर बच्चे के मेंटल हेल्थ पर पड़ सकता है.
शाय ब्लैडर सिंड्रोम का इलाज
- कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी
- एक्सपोजर थेरेपी
- शौचालय संबंधी आदतों की ट्रेनिंग
- तरल पदार्थों का मैनेजमेंट
- तनाव को मैनेज करना
- डॉक्टर से सलाह लेना
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.