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भारत में अनट्रीटेड डायबिटीज वाले लोग सबसे ज्यादा, लैंसेट की स्टडी में चौकाने वाले आंकड़े

World Diabetes Day 2024: भारत को डायबिटीज की राजधानी कहा जाता है, द लैंसेट की नई रिसर्च में भी इस बात को फिर से पुख्ता किया है. खासकर युवाओं में ये बीमारी तेजी से फैल रही है. 

भारत में अनट्रीटेड डायबिटीज वाले लोग सबसे ज्यादा, लैंसेट की स्टडी में चौकाने वाले आंकड़े

Untreated Diabetes Patient In India: भारत में सबसे ज्यादा तादाद में अनट्रीटेड डायबिटीज वाले लोग हैं, ये बात 'द लैंसेट' मेडिकल जर्नल में छपी एक स्टडी के आधार पर कही गई है. इस रिसर्च के मुताबिक साल 2022 में अनुमानित 828 मिलियन एडल्ट्स (18 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के) को डायबिटीज थी. इनमें से एक चौथाई से अधिक (212 मिलियन) भारत में रहते थे, इसके बाद चीन में 148 मिलियन, अमेरिका में 42 मिलियन, पाकिस्तान में 36 मिलियन, इंडोनेशिया में 25 मिलियन और ब्राजील में 22 मिलियन थे.

200 देशों में हुई स्टडी

ये स्टडी एनसीडी रिस्क फैक्टर कोलैबोरेशन द्वारा की गई थी. हेल्थ साइंटिस्ट का एक ग्लोबल नेटवर्क जो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की मदद से 200 देशों और क्षेत्रों के लिए नॉन कम्युनिकेबल डिजीज के रिस्क फैक्टर्स पर रिगरस और टाइमली डेटा देता है.

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युवाओं में डायबिटीज का खतरा बढ़ा
इंपीरियल कॉलेज लंदन (Imperial College London) के सीनियर ऑथर प्रोफेसर माजिद एजती (Majid Ezzati) ने कहा कि स्टडी डायबिटीज में ग्लोबल असमानताओं को बताता है, जिसमें कई लो और मिडिल इनकम वाले देशों में ट्रीटमेंट रेट स्थिर है, जहां डायबिटीज से पीड़ित एडल्ट्स की तादाद में भारी इजाफा हो रहा है.

प्रोफेसर माजिद एजती ने कहा, "ये से चिंताजनक है क्योंकि कम आय वाले देशों में मधुमेह वाले लोग युवा होते हैं और असरदार इलाज की कमी की वजह से जिंदगी भर की कॉम्पलिकेशन के रिस्क में होते हैं - जिसमें एम्प्यूटेशन (शरीर के किसी हिस्से का लॉस), दिल की बीमारी, किडनी डैमेज या नजरें कमजोर होना शामिल है, या कुछ मामलों में वक्त से पहले मौत हो सकती है."

 

यह भी पढ़ें- डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं युवा, एक्सपर्ट से जानें किस तरह से लाइफस्टाइल बन रही है खतरनाक!

 

 

डायबिटीज की दर हुई दोगुनी
इस स्टडी के मुताबिक साल 1990 और 2022 के बीच पुरुषों (6.8% से 14.3%) और महिलाओं (6.9% से 13.9%) में ग्लोबल डायबिटीज दर दोगुनी हो गई. लो और मिडिल इनकम वाले देशों ने सबसे ज्यादा इजाफा देखा गया, जबकि कुछ हाई इनकम वाले मुल्कों, जैसे कि जापान, कनाडा और पश्चिमी यूरोप के कुछ देशों जैसे फ्रांस, स्पेन और डेनमार्क ने पिछले तीन दशकों में डायबिटीज रेट में कोई बदलाव नहीं देखा, या यहां तक ​​कि मामूली कमी देखी गई.

रिसर्चर्स ने बताया कि भारत में महिलाओं और पुरुषों दोनों में डायबिटीज रेट तकरीबन दोगुनी हो गई. महिलाओं में यह 1990 में 11.9% से बढ़कर 2022 में 24% हो गई. पुरुषों में, इसी पीरियड में ये 11.3% से बढ़कर 21.4% हो गई. तुलनात्मक रूप से दोनों जेंडर्स के लिए ट्रीटमेंट कवरेज में सिर्फ मामूली इजाफा हुआ. 1990 और 2022 के बीच महिलाओं में 21.6% से 27.8% और पुरुषों में 25.3% से 29.3% की वृद्धि हुई.

 

(Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)

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Shariqul Hoda

ज़ी न्यूज में सीनियर सब एडिटर. हेल्थ और लाइफस्टाइल की स्टोरीज करते हैं. नेशनल, इंटरनेशनल, टेक, स्पोर्ट्स, रिलेशनशिप, एंटरटेनमेंट, हेल्थ और लाइफस्टाइल का लंबा तजुर्बा है. जर्नलिज्म करियर की शुरुआत 2...और पढ़ें

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