इन महिलाओं को जबरदस्त फायदे पहुंचाता है ये 1 आसन, बेहद सरल है करने की विधि
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इन महिलाओं को जबरदस्त फायदे पहुंचाता है ये 1 आसन, बेहद सरल है करने की विधि

Utkata Konasana Benefits: उत्कट कोणासन का नियमित अभ्यास गठिया की समस्या, किडनी, अंडाशय, मूत्राशय के लिए फायदेमंद माना जाता है. जानिए उत्कट कोणासन की विधि और फायदे...

 

Utkata Konasana Benefits

Utkata Konasana Benefits: आज हम आपके लिए उत्कट कोणासन के फायदे लेकर आए हैं. उत्कट कोणासन कूल्हों, पेट, छाती और कमर व पैर की मांसपेशियों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है. योग एक्सपर्ट कहते हैं कि गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान इस योगासन का अभ्यास बहुत ही फायदेमंद होता है. इस आसन की खास बात ये है कि ये महिलाओं में प्रजनन अंगों से जुड़ी समस्याओं में यह आसन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है. इसका नियमित अभ्यास करने से तनाव और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं में फायदा मिलता है. 

क्या है उत्कट कोणासन 
इसे देवी मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है. ये योगासन कूल्हों, पेट, छाती और कमर व पैरों के लिए उपयोगी माना जाता है. 

उत्कट कोणासन के अभ्यास की विधि

  • सबसे पहले पैरों के बीच समान दूरी बनाएं और खड़े हो जाएं.
  • पैरों को बराबर रखते हुए उंगलियों को बाहर की तरफ मोड़ें.
  • इस दौरान आप अपने पैरों की एडियों को शरीर के पास रखें.
  • इसके बाद आप घुटनों को मोड़ते हुए हिप्स को नीचे ले जाएं. 
  • नमस्कार की मुद्रा में अपनी दोनों हथेलियों को एक साथ लाएं.
  • छाती को आगे की तरफ करते हुए कंधे को थोड़ा पीछे रखें.
  • आप इस इसी स्थिति में रहें और सामान्य व गहरी सांस लें.
  • सांस छोड़ते वक्त पेट को सिकोड़ें और पीठ को नीचे की तरफ दबाएं.
  • अब आराम से पोज को रिलीज करते हुए सामान्य मुद्रा में आयें. 

उत्कट कोणासन के फायदे 

  1. इसके  अभ्यास से क्वाड, हैमस्ट्रिंग, एडक्टर्स, कमर और छाती की मांसपेशियों को फायदा मिलता है.
  2. गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान इसका अभ्यास बहुत ही फायदेमंद होता है.
  3. इसका अभ्यास शरीर की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने और उन्हें खोलने का काम करता है.
  4. महिलाओं में प्रजनन अंगों से जुड़ी समस्याओं में ये आसन बहुत फायदेमंद माना जाता है.
  5. इसका अभ्यास करने से तनाव और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं में फायदा मिलता है.
  6. इसके अभ्यास से सांस लेने की प्रक्रिया में सुधार होता है और फेफड़ों को फायदा मिलता है.
  7. इसका नियमित अभ्यास करने से गठिया की समस्या को नियंत्रित करने में फायदा मिलता है.
  8. इसका नियमित अभ्यास किडनी, अंडाशय और मूत्राशय के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है.
  9. इस आसन का अभ्यास करने से कूल्हों, घुटने और टखनों को भी फायदा मिलता है.

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Disclaimer:
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