Knee Replacement Surgery कब करानी चाहिए? ऑर्थोपेडिक डॉक्टर ने दी अहम सलाह
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Knee Replacement Surgery कब करानी चाहिए? ऑर्थोपेडिक डॉक्टर ने दी अहम सलाह

मौजूदा दौर में नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को कई लोग चुन रहे हैं, उनकी कोशिश होती है कि इस तरह के इलाज से उनकी जिंदगी बेहतर हो जाए, लेकिन ये सर्जरी कितनी सेफ है इसे समझना जरूरी है.

Knee Replacement Surgery कब करानी चाहिए? ऑर्थोपेडिक डॉक्टर ने दी अहम सलाह

When Should You Consider For A Knee Replacement Surgery: भारत में घुटनों की परेशानी से काफी लोग परेशान हैं, पहले ओल्ड एज के लोगों को ऐसी समस्याएं आती थीं, लेकिन अब मिडिल एज और युवाओं को भी ऐसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या घुटनों की रिप्लेसमेंट सर्जरी करानी चाहिए या नहीं. इसको लेकर कई लोगों को कंफ्यूजन और डर का अहसास होता है, ऐसे में घबराने के बजाए एक्सपर्ट की सलाह माननी चाहिए

"लाइफ चेंजिंग है नी रिप्लेसमेंट सर्जरी"

फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंतकुंज, नई दिल्ली के प्रिंसिपल डायरेक्टर (ऑर्थोपेडिक्स) डॉ. गुरिंदर बेदी (Dr. Gurinder Bedi) के मुताबिक, टोटल नी रिप्लेसमेंट अब एक वेल इस्टैब्लिश और बेहद कामयाब लाइफ चेंजिंग सर्जरी के रूप में उभरा है. दुनियाभर में लाखों लोगों ने इसका फायदा उठाया है और पेन फ्री मोबाइल ज्वॉइंट के बेनिफिट हासिल कर रहे हैं. सर्जरी के रिजल्ट भले ही अच्छे हैं, लेकिन प्रोपर इंडिकेशन के साथ ही इसे रेकोमेंड किया जाता है, इसमें से कुछ इंडिकेशन नीचे दिए जा रहे हैं.

कब कराएं नी रिप्लेसमेंट सर्जरी?

1. फिजिकल एक्टिविटीज के दौरान बहुत दर्द महसूस होना

2. डेली एक्टिविटज के दौरान परेशानी महसूस करना, जैसे नहाना, कपड़े बदलना, कार में बैठना और इससे बाहर निकलना

3. फिजियोथेरेपी, इंजेक्शन, ब्रेस और सप्लिमेंट्स जैसे अन्य उपचार के तरीकों का नाकाम होना

4. रोजाना के काम जैसे कि किराने की खरीदारी के लिए घर से बाहर निकलना, सीढ़ियां चढ़ना आदि काम में मुश्किलें पेश आना

5. राहत पाने के लिए नियमित रूप से पेनकिलर दवाओं की जरूरत महसूस होना

6. घुटने की जकड़न

7. चलने फिरने में अस्थिरता और अस्थिरता की भावना

8. दर्द के कारण नींद में खलल पड़ना

डॉ. गुरिंदर बेदी ने आखिर में कहा, "सर्जरी की प्रोफिशिएंसी के अलावा, पेशेंट का डेडिकेशन और मोटिवेशन इस सर्जरी को कामयाब बनाने में एक लंबा रास्ता तय करती है. इसलिए रोगी को मेन डिजीशन मेकर के रूप में सुनिश्चित करना जरूरी है है."

 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

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