बुखार मापने के लिए घर में रखें ये थर्मामीटर, जानें नापने का सही तरीका और टाइम
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बुखार मापने के लिए घर में रखें ये थर्मामीटर, जानें नापने का सही तरीका और टाइम

ध्यान रखें कि थर्मामीटर को इस्तेमाल करने के बाद डिसइंफेक्ट ज़रूर कर लें और अपना थर्मामीटर किसी के भी साथ शेयर न करें

सांकेतिक फोटो

Health Tips: जब भी आपको बुखार जैसा महसूस होता है, तो आप सबसे पहले थर्मामीटर निकालकर शरीर के तापमान की जांच करते हैं. जब कोरोना वायरस महामारी पूरी दुनिया भर में आग की तरह तेज़ी से फैल रही है, तो ऐसे में घर पर थर्मामीटर रखना बेहद ज़रूरी हो गया है. बुखार, सूखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ होना, इस खतरनाक बीमारी के अहम लक्षण हैं. थर्मामीटर ऐसी जरूरी चीज है जो घर में होना ही चाहिए. 

  1. घर में जरूर होना चाहिए थर्मामीटर 
  2. थर्मामीटर का सही इस्तेमाल है जरूरी
  3.  इस्तेमाल करने के बाद डिसइंफेक्ट ज़रूर करें

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अगर आप में या आपके बच्चे में बुखार जैसे लक्षण नजर आ रहे हों तो आप घर में मौजूद थर्मामीटर का उपयोग कर तापमान माप सकते है. लेकिन थर्मामीटर का सही इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है. जिससे आप ठीक प्रकार से बुखार नाप सके. अगर हम बॉडी टेंपरेचर को सही से नापेंगे तो उसका इलाज भी सही से कर पाएंगे. तो इस रिपोर्ट में हम जानते हैं कि थर्मामीटर कितने प्रकार के होते हैं और कैसे इनका सही तरीके से इस्तेमाल करें...तो पहले बात करते हैं कि थर्मामीटर कितने प्रकार के होते हैं.

थर्मामीटर दो प्रकार के होते हैं 
बाजार में दो तरह के थर्मामीटर मिलते हैं. एक मरकरी थर्मामीटर जो ज्यादातर डॉक्टरों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है और दूसरा डिजिटल थर्मामीटर जिसे आसानी से हम घर में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

मरकरी थर्मामीटर
यह थर्मामीटर कांच की ट्यूब की तरह होता है. इसमें मरकरी (पारा) भरा हुआ होता है और कांच की ट्यूब के ऊपर सामान्य तापमान लिखे होते हैं. अगर तापमान में बदलाव होता है तो मरकरी भी तापमान के हिसाब से फैलने या सिकुड़ने लगता है. इस तरह शरीर के तापमान का पता लगाया जा सकता है. यह थर्मामीटर एक स्ट्रॉ या पाइप के जैसे आकार का होता है. इसके भीतर सिल्वर या सफेद रंग का लिक्विड भरा होता है. हालांकि इन थर्मामीटर का चलन अब बीते जमाने की बात हो चुकी है. इनके टूटने का डर हमेशा बना रहता है. इनकी जगह बाजार में डिजिटल थर्मामीटर आ गए हैं, जिनहें इस्तेमाल करना भी आसान है और इनके परिणाम भी सटीक रहते हैं.

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डिजिटल थर्मामीटर
आजकल डिजिटल थर्मामीटर का चलन काफी बढ़ गया है. इसमें बुखार की स्थिति का आसानी से सही पता लगाया जा सकता है. यह गिरने पर टूटता भी नहीं है. बैटरी से चलने वाले इस थर्मामीटर में सेंसर और एलसीडी स्क्रीन (LCD Screen) होते हैं. तापमान एलसीडी स्क्रीन पर आ जाता है. इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है और इसे इस्तेमाल करना भी आसान होता है.

थर्मामीटर का सही इस्तेमाल है जरूरी
शरीर के टेंपरचर को मापने के लिए मरकरी थर्मामीटीर का इस्तेमाल करें या फिर डिजिटल थर्मामीटर का इस्तेमाल करें. बस ये ध्यान रखें कि इनका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए.

बच्चों में ऐसे नापें टेंपरेचर
बच्चों में थर्मामीटर का इस्तेमाल काफी सावधानी से करना चाहिए. तीन साल तक की उम्र के बच्चों में गुदा से डिजिटल थर्मामीटर का इस्तेमाल कर शरीर का सही तापमान मापा जा सकता है. बता दें कि पांच साल की उम्र के बाद शरीर के किसी भी भाग में किसी भी तरह के थर्मामीटर का इस्तेमाल किया जा सकता है.

जब डिजिटल थर्मामीटर से नापें तापमान, रखें ये ध्यान
अगर आप डिजिटल थर्मामीटर से तापमान ले रहे है तो सबसे पहले उसे ऑन करें. इसके बाद जीभ के नीचे जितना हो सके उतना पीछे की तरफ इसे रखे और अपने होंठ बंद कर लें. थर्मामीटर से बीप की साउंड आने तक मुंह को बंद ही रखें. तापमान लेने के बाद थर्मामीटर को साबुन और हल्के गुनगुने पानी से साफ कर दें और फिर ठंडे पाना से धो लें.

मुंह से कैसे तापमान लें
अगर किसी एडल्ट या 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे का तापमान माप रहे हैं तो मुंह से तापमान लें. इसके लिए पीछे की तरफ जीभ के नीचे थर्मामीटर रखकर तापमान लेना सटीक माना जाता है. 

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बगल से ऐसे लें तापमान 
कम उम्र के बच्चों का तापमान उनके बगल में थर्मामीटर रखकर लिया जा सकता है. हालाकिं इसके लिए सबसे पहले बगल को अच्छे से सुखा लें. इसके बाद थर्मामीटर की नोक को बगल के बीच के हिस्से में रख दें और बांह को नीचे कर दें. थर्मामीटर से साउंड आने तक इंतजार करें.

सही समय महत्वपूर्ण 
कई बार ऐसा होता है कि जब आप सुबह उठते हैं तो बिल्कुल स्वस्थ महसूस करते हैं, लेकिन दिन होने तक बुख़ार आ जाता है. आमतौर पर, शाम 4 से 9 बजे के बीच का समय होता है जब अक्सर बुखार अपने चरम पर पहुंच जाता है. इसलिए, अगर आप दिन में दो बार अपना तापमान माप रहे हैं, तो एक बार शाम 4 से 9 के बीच भी देखें. साथ ही हर दिन एक ही समय पर बुखार मापने से आपको शरीर के तापमान में बदलाव बेहतर तरीके से समझ आएगा.

ध्यान रखें कि थर्मामीटर को इस्तेमाल करने के बाद डिसइंफेक्ट ज़रूर कर लें और अपना थर्मामीटर किसी के भी साथ शेयर न करें. शरीर में रक्त का संचार बढ़ानेवाली किसी भी काम को करने के कम से कम 30 मिनट बाद ही शरीर का तापमान लेना चाहिए. इनके लगभग 45 मिनट बाद शरीर का ट्रेंप्रेचर लेना चाहिए.

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