एक नई रिसर्च के अनुसार, वीडियो गेम खेलने के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले हेडफोन, ईयरबड और म्यूजिक वेन्यू का प्रभाव कानों पर पड़ता है और सुनने की क्षमता कम होती जाती है.
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वीडियो गेम खेलने के शौकीन लोगों के लिए एक बुरी खबर है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक नए रिसर्च में यह बात सामने आई है कि वीडियो गेम खेलने से सुनने की क्षमता हमेशा के लिए खत्म हो सकती है. यह रिसर्च 50 हजार लोगों पर किया गया और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वैज्ञानिक इसमें शामिल थे.
रिसर्च के अनुसार, वीडियो गेम खेलने के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले हेडफोन, ईयरबड और म्यूजिक वेन्यू का प्रभाव कानों पर पड़ता है और सुनने की क्षमता कम होती जाती है. शोधकर्ताओं के अनुसार, बच्चे एक हफ्ते के दौरान साढ़े छह घंटे 83 डेसिबल, साढ़े तीन घंटे 86 डेसिबल और 12 मिनट के लिए 90 डेसिबल तक आवाज सुन सकते हैं. हालांकि, अगर वे इन बॉर्डर लाइन से अधिक आवाज सुनते हैं, तो उनके सुनने की क्षमता को नुकसान पहुंच सकता है.
नियमित रूप से वीडियो गेम नुकसानदेह
शोध में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से वीडियो गेम खेलते हैं, उनमें सुनने की क्षमता कम होने का खतरा अधिक होता है. खासकर, जो लोग हेडफोन या ईयरबड का इस्तेमाल करते हुए वीडियो गेम खेलते हैं, उनमें यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि वीडियो गेम खेलने के दौरान होने वाली तेज आवाज से कानों में मौजूद बालों के सेल्स डैमेज हो जाते हैं. इससे सुनने की क्षमता कम होने लगती है.
क्या करें?
शोधकर्ताओं ने वीडियो गेम खेलने वालों को सलाह दी है कि वे वीडियो गेम खेलते समय हेडफोन या ईयरबड का इस्तेमाल कम से कम करें. साथ ही, अगर वे हेडफोन या ईयरबड का इस्तेमाल करते हैं, तो आवाज की मात्रा को कम रखें. शोध के निष्कर्षों से यह स्पष्ट होता है कि वीडियो गेम खेलने के शौकीन लोगों को अपनी सुनने की क्षमता का ध्यान रखना चाहिए. उन्हें वीडियो गेम खेलते समय हेडफोन या ईयरबड का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए और आवाज की मात्रा को कम रखना चाहिए.