मेनोपॉज हर महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण है, लेकिन इसके बावजूद कई महिलाएं इसके सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव को नहीं समझ पातीं. यह एक ऐसा विषय है जिसके बारे में अक्सर खुलकर बात नहीं की जाती.
Trending Photos
मेनोपॉज हर महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण है, लेकिन इसके बावजूद कई महिलाएं इसके सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव को नहीं समझ पातीं. यह एक ऐसा विषय है जिसके बारे में अक्सर खुलकर बात नहीं की जाती, जिससे महिलाएं इस बदलाव के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हो पातीं. मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में एस्ट्रोजन का लेवल गिरता है, जिससे शरीर में कई बदलाव होते हैं और सेहत से जुड़े अगल-अलग खतरे बढ़ जाते हैं.
नई दिल्ली स्थित साउथेंड फर्टिलिटी एंड आईवीएफ की डायरेक्टर डॉ. सोनिया मलिक ने बताया कि भारत में मेनोपॉज से गुजर रहीं महिलाओं में सबसे आम लक्षणों में गर्मी का अनुभव होना और रात में पसीना आना शामिल है, साथ ही नींद में खलल, चिंता, चिड़चिड़ापन, जोड़ों में दर्द और योनि में सूखापन जैसी समस्याएं भी होती हैं. इंडियन मेनोपॉज सोसाइटी के एक अध्ययन में पाया गया कि 75% महिलाएं इन लक्षणों का अनुभव करती हैं.
मेनोपॉज के बाद आने वाली सेहत समस्याएं
मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस, दिल की बीमारी और मसल्स का कम होना जैसे सेहत खतरे बढ़ जाते हैं. ऑस्टियोपोरोसिस एक ‘मूक बीमारी’ है, जो तब तक पता नहीं चलती जब तक हड्डी में फ्रैक्चर नहीं हो जाता. भारत में 61 मिलियन लोग ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं, जिनमें 80% महिलाएं हैं. इस स्थिति से बचने के लिए नियमित व्यायाम, कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर डाइट, धूम्रपान से बचाव और शराब का सेवन कम करना मदद कर सकता है.
इसके साथ ही मसल्स का कम होना या सारकोपेनिया भी एक सामान्य समस्या है, जो महिलाओं में जल्दी होती है. इससे थकान, ऊर्जा की कमी और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है. इसे रोकने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, संतुलित आहार और अच्छी नींद मदद कर सकते हैं.
दिल की बीमारी का खतरा
एस्ट्रोजन का कम लेवल महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाता है, जिससे ब्लड प्रेशर और अन्य दिल की बीमारीों का खतरा बढ़ सकता है. मनोवैज्ञानिक तनाव भी इस दौरान एक फैक्टर हो सकता है. इसके प्रबंधन के लिए मेडिकल कंसल्टेशन, मनोचिकित्सा और सोशल सपोर्ट के उपाय फायदेमंद हो सकते हैं. मेनोपॉज के बाद महिलाओं को नियमित सेहत जांच और स्क्रीनिंग करवानी चाहिए, ताकि वे अपने सेहत का ध्यान रख सकें और अगले लाइफ स्टेज का स्वागत हेल्दी तरीके से कर सकें.