World Hemophilia Day: क्या जेनेटिक डिसऑर्डर की तरह होती है हीमोफीलिया की बीमारी? जानें इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें
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World Hemophilia Day: क्या जेनेटिक डिसऑर्डर की तरह होती है हीमोफीलिया की बीमारी? जानें इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें

Hemophilia Disease Symptoms: हर साल 17 अप्रैल को वर्ल्ड हीमोफीलिया डे मनाया जाता है. इस साल इसकी क्या थीम है, साथ ही इसकी शुरुआत कैसे और कब हुई, ये बीमारी है क्या, ये सबकुछ हम इस आर्टिकल में जानेंगे.  

 

World Hemophilia Day: क्या जेनेटिक डिसऑर्डर की तरह होती है हीमोफीलिया की बीमारी? जानें इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें

Hemophilia Disease Symptoms: 17 अप्रैल को वर्ल्ड हीमोफीलिया डे मनाया जा रहा है. इस मौके पर हम सभी को इस बीमारी के बारे में काफी कुछ जानेंगे का मौका मिलेगा. लोगों के मन में हमेशा ये सवाल रहता है, कि हीमोफीलिया किस तरह की बीमारी है. क्या ये कोई जेनेटिक डिसआर्डर है? तो इस सवाल का जवाब है, हां. ये बीमारी ज्यादातर पुरुषों में देखी जाती है. वहीं कई बार कुछ लोगों को गहरी चोट लगने से भी इस बीमारी के होने का खतरा बना रहता है. हीमोफीलिया ब्लड से संबंध रखती है. वहीं कई केस में ब्लड का थक्का बनने से शरीर में जो दिक्कत आती है, उसे ही हीमोफीलिया डिसीज कहते हैं. 

हीमोफीलिया की दवा पहले के समय में काफी महंगी मिलती थी. लेकिन अब सरकार के कुछ प्रयासों से यह इलाज सस्ता हो पाया है. ऐसे में इस साल हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि हीमोफीलिया बीमारी क्यों होती हैं और कैसे इसके होने पर खुद को रिकवर किया जा सकता है.
 
किन लोगों को हीमोफीलिया होने का खतरा- 
हीमोफीलिया की बीमारी हर किसी को नहीं होती है. आपको बता दें, ये दो प्रकार के होते हैं. एक को हीमोफीलिया ए और दूसरा हीमोफीलिया बी. हीमाफीलिया ए 5000 में से एक व्यक्ति को होने की संभावना बोती है. जबकि हीमोफीलिया बी 20000 में से एक व्यक्ति में देखने को मिल सकता है. यानी यह बीमारी एक तरह से दुर्लभ मानी जाती है. 

क्लॉटिंग फैक्टर पर निर्भर है हीमोफीलिया-
हीमोफीलिया का खतरनाक होता है. उसके फैक्टर पर निर्भर होता है. जितना क्लाटिंग फैक्टर कम होता है. उतना ही हीमोफीलिया खतरनाक माना जाता है. डॉक्टरों के मुताबिक, हीमोफीलिया ए में फैक्टर आठ की कमी होती है, जबकि बी में क्लाटिंग फेक्टर नौ की कम होता है. एक से पांच तक फैक्टर की कमी को माडरेट माना जाता है.

कंधे, घुटने पर बन जाती है गांठ-
हीमोफीलिया की बीमारी बच्चों में होने की संभावना रहती है. इससे पीड़ित बच्चों को परेशानी हो सकती है. इस बीमारी में बच्चे के कंधे और घुटने पर गांठ बननी शुरू हो जाती है और तेज दर्द होता है. ये एक जेनेटिक कंडीशन भी हो सकती है. डॉक्टर्स का कहना है कि हीमोफीलिया का इलाज अब काफी आसान और सस्ता हो गया है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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