World No Tobacco Day: किस तरह बदल जाते हैं स्मोकिंग करने वालों के फेफड़े? वीडियो देख फटी रह जाएंगी आंखें!
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World No Tobacco Day: किस तरह बदल जाते हैं स्मोकिंग करने वालों के फेफड़े? वीडियो देख फटी रह जाएंगी आंखें!

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, तंबाकू दुनिया भर में हर साल 80 लाख से अधिक लोगों की मौत का कारण बनता है. इन मौतों में से लगभग 10 लाख लोग वे होते हैं जो खुद तंबाकू का सेवन नहीं करते हैं.

World No Tobacco Day: किस तरह बदल जाते हैं स्मोकिंग करने वालों के फेफड़े? वीडियो देख फटी रह जाएंगी आंखें!

हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (world no tobacco day) मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य खतरों के बारे में जागरूक करना और तंबाकू के सेवन को कम करने के लिए प्रोत्साहित करना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, तंबाकू दुनिया भर में हर साल 80 लाख से अधिक लोगों की मौत का कारण बनता है. इन मौतों में से लगभग 10 लाख लोग वे होते हैं जो खुद तंबाकू का सेवन नहीं करते हैं, बल्कि सेकेंड हैंड स्मोक के संपर्क में आने के कारण बीमार पड़ जाते हैं.

आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर, हम तंबाकू सेवन, विशेष रूप से धूम्रपान के कारण होने वाले गंभीर स्वास्थ्य खतरों, खासकर फेफड़ों पर पड़ने वाले विनाशकारी प्रभावों के बारे में बात करेंगे और यह भी जानेंगे कि एक हेल्दी और अनहेल्दी फेफड़े कैसे काम करते हैं.

धूम्रपान कैसे करता है फेफड़ों को खराब?
* तंबाकू के धुएं में 7000 से अधिक हानिकारक रसायन होते हैं, जिनमें से कई कैंसरकारी होते हैं.
* धूम्रपान करने पर, ये कैमिकल फेफड़ों की वायु थैली (एल्वियोली) में पहुंचते हैं, जहां वे ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के आदान-प्रदान में रुकावट डालते हैं.
* धीरे-धीरे, एल्वियोली डैमेज हो जाते हैं और सिकुड़ जाते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है.
* समय के साथ, धूम्रपान वातस्फीति और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर श्वसन बीमारियों का कारण बन सकता है, जो जीवन के लिए खतरा बन सकती हैं।

हेल्दी बनाम धूम्रपान करने वाले के फेफड़े
हेल्दी फेफड़े गुलाबी और लोचदार होते हैं, और हजारों एल्वियोली से फ्री होते हैं, जो ऑक्सीजन को ब्लड फ्लो में ले जाने और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने में अच्छी तरीके से काम करते हैं. वहीं, धूम्रपान करने वाले के फेफड़े काले, कठोर और डैमेज हो जाते हैं, एल्वियोली सिकुड़ जाते हैं और उनमें बलगम जमा हो जाता है. यह फेफड़ों की कार्यक्षमता को कम करता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ, खांसी और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं. नीचे दिखाए गए वीडियो में आप अच्छे से समझ सकते हैं.

धूम्रपान छोड़ने के फायदे
* धूम्रपान छोड़ने से फेफड़ों को ठीक होने और धीरे-धीरे हेल्दी होने का मौका मिलता है.
* सांस लेने में सुधार होता है, थकान कम होती है और ऊर्जा का स्तर बढ़ता है.
* दिल की बीमारी, स्ट्रोक और कैंसर जैसे ज्यादा गंभीर हेल्थ रिस्क का खतरा कम होता है.

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