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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अगुवाई वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिपरिषद विस्तार (Modi Cabinet Expansion) में मंत्री बनने वाले कुल 43 नेताओं में 32 ऐसे चेहरे हैं जो पहली बार केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी निभाएंगे. ऐसे नेताओं में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे, JDU अध्यक्ष आरसीपी सिंह, भाजपा के महामंत्री भूपेंद्र यादव और लोक LJP के पारस गुट के नेता पशुपति कुमार पारस प्रमुख हैं.
नारायण राणे- कभी शिवसेना के बड़े नेता रहे राणे 1999 में करीब 9 महीने तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे. बाद में कांग्रेस में शामिल हुए और महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री रहे. साल 2017 में वह भाजपा में शामिल हुए और कुछ समय बाद राज्य सभा सदस्य बने. वह पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं.
आरसीपी सिंह- JDU के अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं. राज्य सभा सदस्य अपनी पार्टी के कोटे से केंद्रीय मंत्रिपरिषद में इकलौते सदस्य हैं. पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे सिंह कुछ महीने पहले ही JDU के अध्यक्ष बने थे.
भूपेंद्र यादव- भाजपा के कद्दावर नेता और पार्टी की चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भूपेंद्र यादव भी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने हैं. वह पेशे से वकील हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं.
पशुपति पारस- LJP (पारस गुट) के नेता पशुपति पारस भी पहली बार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल हुए हैं. इससे पहले उनके भाई रामविलास पासवान मोदी सरकार में मंत्री थे जिनका पिछले साल निधन हो गया था.
एसपी सिंह बघेल, अश्विनी वैष्णव (रिटायर्ड IAS अधिकारी), राजीव चंद्रशेखर, शोभा कारंदलाजे, भानू प्रताप सिंह वर्मा, दर्शना जारदोश, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, कौशल किशोर, बीएल वर्मा, अजय भट्ट, अजय कुमार, चौहान देवूसिंह, भगवंत खूबा, भारती पवार, पंकज चौधरी, शांतनु ठाकुर, मुंजपारा महेंद्रभाई, एल मुरुगन, निशीत प्रमाणिक, ए नारायणस्वामी, कपिल पाटिल, राजकुमार रंजन सिंह, प्रतिमा भौमिक, सुभाष सरकार, भागवत कराड, बिश्वेसर टुडू और जॉन बारला भी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने हैं.
जिन मंत्रियों ने बुधवार को शपथ ली उनमें डॉक्टर वीरेंद्र कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्वानंद सोनोवाल, किरेन रिजिजू, आरके सिंह, हरदीप पुरी, मनसुख मनडाविया, पुरुषोत्तम रुपाला, जी किशन रेड्डी, अनुराग सिंह ठाकुर और अनुप्रिया पटेल ही ऐसे मंत्री हैं जो पहले भी केंद्रीय मंत्री के दायित्व का निर्वहन कर चुके हैं.
30 मंत्री लोक सभा और 11 राज्य सभा के सदस्य
नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिपरिषद विस्तार में शपथ लेने वाले 43 मंत्रियों में 30 लोक सभा और 11 राज्य सभा के सदस्य हैं. इसके साथ ही, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष एल मुरुगन दो ऐसे मंत्री हैं जो फिलहाल संसद के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं. सोनोवाल फिलहाल असम विधान सभा सदस्य हैं. इस मंत्रिपरिषद विस्तार में कुल 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्री बनाए गए हैं.
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राज्य सभा के जिन सदस्यों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है उनमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नारायण नारायण राणे, JDU अध्यक्ष आरसीपी सिंह, भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, हरदीप पुरी, मनसुख मंडाविया और पुरुषोत्तम रुपाला शामिल हैं. भाजपा के ही राजीव चंद्रशेखर, बीएल वर्मा, भागवत कराड को राज्य मंत्री बनाया गया है और ये तीनों मंत्री राज्य सभा के सदस्य हैं.
लोक सभा के जिन सदस्यों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है उनमें भाजपा के डॉक्टर वीरेंद्र कुमार, किरेन रिजिजू, आरके सिंह, जी किशन रेड्डी और अनुराग ठाकुर औप लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) के नेता पशुपति कुमार पारस शामिल हैं. इनके अलावा, अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल, भाजपा के एसपी सिंह बघेल, शोभा कारंदलाजे, भानू प्रताप सिंह वर्मा, दर्शना जारदोश, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, कौशल किशोर, अजय भट्ट, अजय कुमार, चौहान देवूसिंह, भगवंत खूबा, भारती पवार, पंकज चौधरी, शांतनु ठाकुर, मुंजपारा महेंद्रभाई, निशीथ प्रामाणिक, ए नारायणस्वामी, कपिल पाटिल, राजकुमार रंजन सिंह, प्रतिमा भौमिक, सुभाष सरकार, भागवत कराड, बिश्वेसर टुडू और जॉन बारला भी लोक सभा सदस्य हैं जो राज्य मंत्री बने हैं.
(इनपुट: भाषा)
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