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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Delhi Police Crime Branch) को पुराना नांगल में 9 साल की बच्ची के गैंगरेप मामले में सीएफएसएल की रिपोर्ट (CFSL Report) मिल गई है. इस फोरेंसिक रिपोर्ट से पता चलता है कि आरोपियों ने पहली जांच टीम के सामने झूठ बोला है. फॉरेंसिक टीम ने जब क्राइम सीन को रीक्रिएट किया तो खुलासा हुआ कि वाटर कूलर में शॉर्ट सर्किट हुआ ही नहीं है. जांच में इसके ऐसा कोई सबूत टीम को नहीं मिला. जबकि पूछताछ के शुरुआती चरण में चारों आरोपियों ने दावा किया कि पीड़िता की मौत करंट लगने से हुई है.
सूत्रों का कहना है कि चारों आरोपियों में से किसी को भी क्राइम ब्रांच की SIT से क्लीन चिट नहीं दी गई है. आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट किए बिना ही एसआईटी ने पर्याप्त सबूत इकट्ठा कर लिए हैं, और अब उनके खिलाफ पोस्को (POSCO) एक्ट के तहत चार्जशीट दायर करने की तैयारी की जा रही है. एसआईटी के अधिकारियों ने बताया कि पीड़िता को आखिरी बार सीसीटीवी फुटेज में 5 बजकर 42 मिनट पर देखा गया था, और रात 8 बजे बिना इजाजत लिए शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. लेकिन आरोपियों ने एसआईटी टीम को किया गुमराह करने का प्रयास किया.
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मुख्य आरोपी राधे श्याम ने एसआईटी टीम को गुमराह करने की कोशिश करते हुए कहा कि वाटर कूलर से बिजली का झटका लगता था, और मरम्मत के लिए एक इलेक्ट्रीशियन से भी संपर्क किया था. लेकिन जब एसआईटी ने इसकी जांच की तो ये बात गलत निकली. श्मशान घाट के बिजली मिस्त्री (जो अब पुलिस जांच में मुख्य गवाह हैं) ने मुख्य आरोपी द्वारा किए गए इस दावे को खारिज किया है. उसने कहा कि वहां का कूलर बिल्कुल सही है. उसमें कोई खराबी नहीं है. इसलिए अब एसआईटी दो आरोपियों पर बलात्कार और हत्या का आरोपों के तहत चार्जशीट दायर करेगी, जबकि अन्य दो आरोपियों के खिलाफ सबूत मिटाने की साजिश के तहत कार्रवाई होगी.
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