'घर वापसी': 98 आदिवासी ईसाइयों ने फिर से हिंदू धर्म अपनाया, 2010 में किया था धर्म परिवर्तन
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'घर वापसी': 98 आदिवासी ईसाइयों ने फिर से हिंदू धर्म अपनाया, 2010 में किया था धर्म परिवर्तन

हिंदू जागरण मंच की त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष उत्तम डे ने बताया कि इन लोगों ने 2010 में ईसाई धर्म को अपना लिया था. इनमें अधिकतर लोग बिहार और झारखंड के हैं, जो चाय बागान में काम करते हैं.

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

कालियाशहर (त्रिपुरा) : हिंदू जागरण मंच ने सोमवार को दावा किया कि त्रिपुरा में 23 आदिवासी परिवारों के 98 ईसाइयों ने फिर से हिंदू धर्म अपना लिया है. हिंदू जागरण मंच की त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष उत्तम डे ने बताया कि इन लोगों ने 2010 में ईसाई धर्म को अपना लिया था. इनमें अधिकतर लोग बिहार और झारखंड के हैं, जो चाय बागान में काम करते हैं.

डे ने संवाददाताओं से कहा कि यह परिवार के लापता हुए सदस्यों की घर वापसी जैसा है. वे सभी हिंदू थे, लेकिन प्रलोभन देकर उन्हें ईसाई बनाया गया. उनाकोटी जिले के सोनामुखी चाय बागान में ये सभी काम करते थे. बागान के बंद होने के बाद इन्हें प्रलोभन दिया गया. उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग उरांव और मुंडा समुदाय के हैं.

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राज्य की राजधानी से करीब 180 किलोमीटर दूर कालियाशहर जिले में रविवार को धर्म परिवर्तन कार्यक्रम से विश्व हिंदु परिषद भी जुड़ी हुयी थी. विहिप के उनाकोटी जिला सचिव मदन मोहन गोस्वामी ने कहा कि यह लोगों की घर वापसी की तरह है.

धर्म परिवर्तन करने वाले एक शख्स बिरसा मुंडा ने दावा किया कि उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रलोभन दिया गया था, लेकिन उसके बाद उनके साथ बुरा बर्ताव हुआ जिससे उन्होंने धर्म बदलने का विचार किया.  उन्होंने संवाददताओं से कहा, ‘हम बहुत गरीब लोग हैं. ईसाइयों ने हमारा धर्म परिवर्तन कराया. वे हमारे साथ गलत व्यवहार करते थे. हमने अपनी इच्छा से फिर से हिंदू धर्म अपनाया है.’

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