PUBG खेलने के लिए बच्चे ने रुकवा दी ट्रेन, पुलिस के सामने किया चौंकाने वाला खुलासा
Advertisement
trendingNow11143008

PUBG खेलने के लिए बच्चे ने रुकवा दी ट्रेन, पुलिस के सामने किया चौंकाने वाला खुलासा

अगर आपके बच्चे भी मोबाइल फोन (Mobile Phone) का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो अब आपको भी थोड़ी सख्ती बरतने की जरूरत है. ऐसा ना करना आपके बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

ज्यादा फोन इस्तेमाल करने से बच्चे हो रहे हैं गुमराह (प्रतीकात्मक फोटो | Photo Credit : Addiction Center)

नई दिल्ली: बच्चों के अंदर मोबाइल के साथ समय बिताने और गेम (Mobile Games) खेलने का रुझान कुछ इस हद तक बढ़ गया है कि अपने खेल को जारी रखने के लिए वो कुछ भी कर सकते हैं. बेंगलुरु के यलहंका रेलवे स्टेशन पर 30 मार्च को दिन के 2 बजे हेल्प लाइन नंबर 139 पर एक फोन कॉल आया जिसमें ये बताया गया कि रेलवे स्टेशन पर बम रखा है. 

  1. ज्यादा फोन इस्तेमाल करना खतरनाक
  2. बच्चे को लगी ऑनलाइन गेम की लत
  3. पैरेंट्स के सामने आई नई मुसीबत

पुलिस तुरंत हरकत में आई

फोन कॉल के बाद पुलिस (Police) हरकत में आई और आनन-फानन में पूरे स्टेशन को खाली कराया गया. पुलिस ने चप्पा-चप्पा छान मारा लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा. इस पूरे घटनाक्रम में करीब 90 मिनट का वक्त बेकार हो गया. पुलिस ने फोन नंबर की पड़ताल की तो पाया कि पास के ही विनायक नगर के एक किराना दुकानदार के फोन नंबर से यह कॉल की गई थी. 

ये भी पढें: राहुल गांधी के प्रति बुजुर्ग महिला का इतना लगाव? अपनी पूरी वसीयत कर दी इनके नाम

12 साल के बच्चे ने की थी कॉल

आपको बता दें कि दुकानदार ने अपने 12 साल के बेटे को ये फोन दिया हुआ था और ये कॉल उसके बेटे ने ही की थी. पुलिस ने जब इस बच्चे से कॉल करने की वजह पूछी तो पता चला कि वो अपने दोस्त के साथ पब जी गेम (BGMI Game) खेल रहा था और उस समय उसका दोस्त अपने परिवार के साथ यलहंका रेलवे स्टेशन पर काचेगुड़ा एक्सप्रेस ट्रेन में सवार था. 

गेम में सब कुछ भूला बच्चा

फोन करने वाला 12 साल का बच्चा पब जी गेम में इतना डूब चुका था कि वो जानता था कि अगर ट्रेन चल दी तो उसके दोस्त को नेटवर्क नहीं मिलेगा जबकि वो कुछ देर और खेलना (Play Game) चाहता था. ऐसे में उसने एक फोन कॉल कर ट्रेन को रोक लिया. पुलिस ने 12 साल के बच्चे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उसे चेतावनी (Warning) देकर छोड़ दिया. बता दें कि बम स्क्वॉड ने 4.45 मिनट पर क्लियरेंस सर्टिफिकेट दिया जिसके बाद ही ट्रेन की आवाजाही शुरू हो सकी. 

ये भी पढें: सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर कांग्रेस, अब सार्वजनिक तौर पर कराएगी सुंदरकांड का पाठ

बच्चे क्यों होते हैं प्रभावित?

ये कहानी सिर्फ एक बच्चे की नहीं है. ज़ी न्यूज की टीम ने ऐसे कई बच्चों से मुलाकात की जो मोबाइल गेम (Mobile Game) में डूबे रहते हैं. बच्चों ने बताया कि उन्हें इससे क्या मजा मिलता है और क्यों वो इसे छोड़ना नहीं चाहते? पॉइंट्स क्रिएट करना, एक से बढ़कर एक नए वेपन और जीतने की होड़ बच्चों को खेल की तरफ खींचती है. पैरेंट्स 1 घंटे की इजाजत देते हैं लेकिन बच्चे 2-3 घंटे का वक्त गुजारते हैं.

पैरेंट्स​ तलाश रहे नए तरीके

परेशान पैरेंट्स (Parents) अब नए तरीके ढूंढ रहे हैं ताकि बच्चों को रोका जा सके. आई टी सेक्टर (IT Sector) में काम कर रही भानु बताती हैं कि उन्हें ऐसे सॉफ्ट वेयर की तलाश है जिससे वो बच्चों के गेम को कंट्रोल कर सकें. इसका बुरा असर उनके स्वास्थ्य (Health) और पढ़ाई (Education) पर पड़ रहा है. बच्चे शारीरिक खेल-कूद से दूर होते जा रहे हैं. बच्चों को मोबाइल से दूर नहीं किया जा सकता क्योंकि कोरोना (Corona) काल में फोन उनकी पढ़ाई का भी साधन बन चुका है. लेकिन ऑनलाइन गेम एक बहुत बड़ी परेशानी बन रही है.

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news