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नई दिल्ली: यूरोपीय यूनियन (EU) ने अपनी ‘ग्रीन पास’ योजना के तहत यात्रा पाबंदियों में ढील दी है, वहीं भारत ने ग्रुप के 27 सदस्य राष्ट्रों से अपील की है कि कि कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) के टीके लगवा चुके भारतीयों को यूरोप की यात्रा करने की परमीशम देने पर वे अलग-अलग विचार करें. भारत ने ईयू के सदस्य देशों से कहा है कि वह Interchangeable की पॉलिसी अपनाएगा और ‘ग्रीन पास’ रखने वाले यूरोपीय नागरिकों को अपने देश में कंपल्सरी आइसोलेशन से छूट देगा.
सूत्रों ने कहा कि भारत ने EU से अपील की है कि कोविन पोर्टल (Cowin portal) के माध्यम से जारी टीकाकरण प्रमाणपत्र को स्वीकार किया जाए. यूरोपीय संघ की डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र योजना या ‘ग्रीन पास’ योजना गुरुवार से प्रभाव में आएगी जिसके तहत Covid-19 महामारी के दौरान स्वतंत्र आवाजाही की अनुमति होगी. इस रूपरेखा के तहत उन लोगों को EU के अंदर यात्रा पाबंदियों से छूट होगी जिन्होंने यूरोपीय मेडिकल एजेंसी (EMA) द्वारा अधिकृत टीके लगवाये हैं.
अलग-अलग सदस्य राष्ट्रों को उन टीकों को स्वीकार करने की भी स्वतंत्रता है जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर या विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अधिकृत किया गया है. एक सूत्र ने कहा, ‘हमने ईयू के सदस्य राष्ट्रों से अनुरोध किया है कि भारत में कोविड-19 रोधी टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सीन की खुराक ले चुके लोगों को इसी तरह छूट देने पर वे अलग-अलग विचार करें और कोविन पोर्टल के माध्यम से जारी टीकाकरण प्रमाणपत्र को स्वीकार करें.’ सूत्रों के अनुसार इन टीकाकरण प्रमाणपत्रों की वास्तविकता का वेरिफिकेशन कोविन पोर्टल पर किया जा सकता है.
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एक सूत्र ने कहा, ‘हमने EU के सदस्य देशों को यह भी बताया है कि भारत भी EU डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र की मान्यता के लिए ऐसी ही Interchangeable नीति बनाएगा.’ भारत में आशंका रही है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगवाने वाले लोग यूरोपीय संघ की ‘ग्रीन पास’ योजना के तहत उसके सदस्य देशों की यात्रा के लिए पात्र नहीं होंगे. ईयू के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के पास कोविशील्ड जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अधिकृत टीकों को स्वीकार करने का विकल्प होगा.
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