Aditya L1 Launch: पहले चांद पर चमत्कार, अब सूर्य को नमस्कार; हेलो ऑर्बिट में स्थापित होगा आदित्य L1
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Aditya L1 Launch: पहले चांद पर चमत्कार, अब सूर्य को नमस्कार; हेलो ऑर्बिट में स्थापित होगा आदित्य L1

ISRO Sun Mission: आदित्य एल1 (Aditya L1) को श्रीहरिकोटा से इसरो (ISRO) ने सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. आदित्य एल1 करीब 120 दिन में 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करेगा और L1 पॉइंट तक पहुंचेगा.

Aditya L1 Launch: पहले चांद पर चमत्कार, अब सूर्य को नमस्कार; हेलो ऑर्बिट में स्थापित होगा आदित्य L1

Aditya L1 Launch Update: भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) का ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्य मिशन आदित्य-एल1 (Aditya L1) श्रीहरिकोटा से लॉन्च हो गया है. आज भारत अपने पहले सोलर मिशन की ओर बड़ा कदम बढ़ा दिया है. आज सूर्य की ओर आदित्य L-1 ने उड़ान भर दी है. आदित्य मिशन को 15 लाख किमी की दूरी पर धरती और सूरज के बीच L1 बिंदु (L1 Point) पर पहुंचाया जाना है. सूर्य के करीब हेलो ऑर्बिट में आदित्य को स्थापित करने में करीब 100 से 120 दिन का वक्त लगेगा लेकिन सूरज तक पहुंचने से पहले आदित्य-एल1 कई चरणों में अपना ये सफर पूरा करेगा. अपना पहला सूर्य मिशन लॉन्च करके इसरो ने आज इतिहास रच दिया है. चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद अब दुनियाभर की नजरें एक बार फिर भारत पर लगी हैं क्योंकि दुनिया मानती है कि भारत का सूर्योदय हो गया है. इसरो अब सूरज के करीब पहुंचकर एक बार फिर अंतरिक्ष विज्ञान में अपना तेज बिखेरेगा.

अंतरिक्ष में इसरो की बड़ी छलांग

इससे पहले 23 अगस्त को भारत ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरकर इतिहास रचा था. अब भारत एक बार फिर अंतरिक्ष की तरफ जा रहा है. सिर्फ पचास दिन के अंदर ही हिंदुस्तान ने अपनी दूसरी बड़ी छलांग अंतरिक्ष में लगा दी है. ISRO उस आदित्य-एल1 मिशन को लॉन्च कर दिया है जिसका जिक्र प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के वक्त ही कर दिया था. खास बात ये है कि श्रीहरिकोटा के जिस लॉन्च पैड से चंद्रयान-3 ने चांद पर कदम रखा था उसी लॉन्च पैड से इस सोलर मिशन का आगाज हुआ है. जैसे ही आदित्य L1 अपने निर्धारित पॉइंट पर पहुंचेगा वो इसके ऑर्बिट को हेलो बोलेगा. ये वो जगह है जहां से आदित्य L1 इसरो को सूरज की पल-पल की खबर देगा.

चंद्रयान के मुकाबले मिशन आदित्य है कठिन

गौरतलब है कि चंद्रयान के मुकाबले मिशन आदित्य कहीं ज्यादा कठिन है. चंद्रयान 1 और 2 के अनुभव के बाद भारत के पास काफी डेटा और एक दशक से अधिक का अनुभव था. लेकिन आदित्य L1 एक ऐसी छलांग है जो ISRO ने इससे पहले कभी नहीं लगाई. इस यात्रा के दौरान आदित्य L1 करीब 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करेगा. आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग PSLV-XL रॉकेट से हुई है.

कौन-कौन कर चुका सूर्य की स्टडी?

जान लें कि इसरो के सूर्य मिशन आदित्य L1 को इसरो के अलावा यूरोप की स्पेस एजेंसी भी ट्रैक कर रही है. आदित्य-एल1 के लॉन्च होने के साथ ही भारत का ISRO दुनिया के उन देशों में शामिल हो गया जो अब तक सूरज की स्टडी के लिए मिशन लॉन्च कर चुके हैं. इसमें अमेरिका, यूरोप की स्पेस एजेंसी, जापान और चीन शामिल हैं. आदित्य-एल1 लॉन्च करके ISRO ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है.

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