मौजूदा मिसाइलों के मुकाबले यह हल्की है और इसका इस्तेमाल भी आसान है. बताया जा रहा है कि यह मिसाइल टारगेट की ओर बढ़ते हुए अतिंम चरण में यह हाइपरसोनिक स्पीड (hypersonic speeds) हासिल कर लेती है.
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नई दिल्लीः चीन से तनातनी के बीच भारत ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है. शनिवार (3 अक्टूबर) को भारत ने ओडिशा के बालासोर से शौर्य मिसाइल (Shaurya missile) के नए वर्जन का सफल परीक्षण किया. जमीन से जमीन पर मार करने वाली यह बैलेस्टिक मिसाइल परमाणु क्षमता से लैस है. यह मिसाइल 800 किलोमीटर दूर तक टारगेट को तबाह कर सकती है. यह मिसाइल मौजूदा मिसाइल सिस्टम को मजबूत करेगी और संचालन में हल्की व आसान है. भारत ने इस आधुनिक मिसाइल का परीक्षण ऐसे समय पर किया है जब एलएसी पर चीन के साथ तनाव चरम पर है.
मौजूदा मिसाइलों के मुकाबले यह हल्की है और इसका इस्तेमाल भी आसान है. बताया जा रहा है कि यह मिसाइल टारगेट की ओर बढ़ते हुए अतिंम चरण में यह हाइपरसोनिक स्पीड (hypersonic speeds) हासिल कर लेती है. पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से इस साल घोषणा के बाद डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (Defence Research and Development Organisation) स्ट्रैटिजिक मिसाइल के फील्ड में देश को पूर्ण रूप से आत्मनिर्मर बनाने के प्रयास में है.
India successfully test-fires new version of nuclear-capable Shaurya Missile
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— ANI Digital (@ani_digital) October 3, 2020
भारत ने इस बीच ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया है, जो 400 किमी दूर तक टारगेट को हिट कर सकती है और पिछले मिसाइल की क्षमता से 100 किलोमीटर अधिक है. शौर्य मिसाइल का पहला परीक्षण 2008 में ओडिशा के चांदीपुर समेकित परीक्षण रेंज से किया गया था. इसके बाद सितंबर 2011 में इसका दूसरा परीक्षण किया गया था. पहले इसकी क्षमता 750 किलोमीटर दूर तक हथियार ले जाने की थी.
बता दें कि 10 दिन पहले ही देशरक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने महाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित फायरिंग रेंज से देश में विकसित लेजर गाइड एंटी टैंक विध्वंसक मिसाइल (Laser-guided Anti Tank Guided Missile) का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया था. लेजर गाइड एंटी टैंक मिसाइल 5 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है. प्रयोगिक परीक्षण के तहत इस मिसाइल को अहमदनगर में स्थित आर्म्ड कोर सेंटर एंड स्कूल स्थित केके रेंज में एक एमबीटी अर्जुन टैंक (MBT Arjun Tank a) से दागा गया था.
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डीआरडीओ ने 10 दिनों में दो बड़ी कामयाबी हासिल की है. सूत्रों का कहना है कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन रणनीतिक मिसाइलों के क्षेत्र में कुल आत्मनिर्भरता को पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है और इस वर्ष के शुरू में रक्षा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मानिर्भर भारत के आह्वान के बाद अपने प्रयासों को और बढ़ाया है.
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