Agni-5: अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण, पीएम मोदी ने DRDO को दी बधाई, बोले-वैज्ञानिकों पर गर्व
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Agni-5: अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण, पीएम मोदी ने DRDO को दी बधाई, बोले-वैज्ञानिकों पर गर्व

AGNI 5 Missile: भारत की सुरक्षा लेयर अब पहले से और मजबूत हो गई है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों ने घातक अग्नि-5 मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया है.

Agni-5: अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण, पीएम मोदी ने DRDO को दी बधाई, बोले-वैज्ञानिकों पर गर्व

AGNI 5 Missile: भारत की सुरक्षा लेयर अब पहले से और मजबूत हो गई है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों ने घातक अग्नि-5 मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया है. यह MRIV मिसाइल सिस्टम अब तक सिर्फ रूस, अमेरिका, फ्रांस, यूके और चीन के पास था. अब भारत दुनिया का छठा देश है जो MRIB मिसाइल सिस्टम से लैस हो चुका है. वैज्ञानिकों की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी. उन्होंने कहा, वैज्ञानिकों पर गर्व है.

पीएम मोदी ने DRDO को दी बधाई  

पीएम मोदी ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) से लैस मेड इन इंडिया अग्नि -5 मिसाइल के पहले सफल परीक्षण की लिए डीआरडीओ को बधाई दी. उनहोंने एक्स पर पोस्ट में कहा कि मिशन दिव्यास्त्र के सफल क्रियान्वयन के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों की उपलब्धियों की सराहना की.

मील का पत्थर...

पीएम मोदी ने भारत की स्वदेशी मिसाइल क्षमताओं को आगे बढ़ाने में मिशन दिव्यास्त्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डीआरडीओ वैज्ञानिकों द्वारा प्रदर्शित तकनीकी कौशल पर गर्व व्यक्त किया. एमआईआरवी तकनीक के साथ अग्नि-5 मिसाइल की सफल परीक्षण उड़ान देश की रक्षा तैयारियों और रणनीतिक क्षमताओं को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

..डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है

पीएम मोदी ने एक्स पर कहा, 'मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है. मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण सफल रहा.'

एक साथ कई परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम

एमआईआरवी मिसाइल सिस्टम में एक ही बार में कई परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता है. इन हथियारों से अलग-अलग लक्ष्यों को एक बार में धराशायी किया जा सकता है. इसे सड़क के माध्यम से कहीं भी ले जाया जा सकता है. इससे पहले की अग्नि मिसाइलों में यह सुविधा नहीं थी. गौर करने वाली बात यह है कि परियोजना निदेशक एक महिला हैं. इसमें महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है.

मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर

हथियार प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स सिस्टम और उच्च सटीकता वाले सेंसर पैकेज से लैस है. यह क्षमता भारत के बढ़ते प्रौद्योगिकीय कौशल का भी प्रतीक है. अग्नि-5 की मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर है और इसे देश की दीर्घकालिक सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए विकसित किया गया है. यह मिसाइल चीन के उत्तरी हिस्से के साथ-साथ यूरोप के कुछ क्षेत्रों सहित लगभग पूरे एशिया को अपनी मारक सीमा के तहत ला सकती है.

टेंशन में दुश्मन

अग्नि 1 से 4 मिसाइलों की रेंज 700 किमी से 3,500 किमी तक है और पहले ही तैनात की जा चुकी हैं. भारत पृथ्वी की वायुमंडलीय सीमाओं के भीतर और बाहर दुश्मन देशों की बैलिस्टिक मिसाइल को भेदने की क्षमताएं विकसित कर रहा है.

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