कृषि मंत्री ने कहा कि देश के किसानों की दुर्दशा के असली गुनहगार सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी और उनका परिवार है.
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत आर्थिक राहत पैकेज की तीसरी किस्त का ऐलान शुक्रवार को किया है. इस किस्त में कृषि, पशुपालन, मत्स्यपालन और डेयरी क्षेत्र के लिए 1.63 लाख करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है. साथ ही सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम और कृषि विपणन नीति में बदलाव के जरिये किसानों के लिए एक देश, एक नीति लागू करने की तैयारी है.
तीसरी किस्त में सबसे ज्यादा एक लाख करोड़ रुपये कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे पर खर्च किए जाएंगे. केंद्र सरकार के राहत पैकेज के मुताबिक इससे किसान ना सिर्फ देश की भविष्य की मांग को पूरा करने में समर्थ होगा बल्कि निर्यात के मोर्चे पर भी किसानों की आय बढ़ सकेगी. देश के किसानों के लिए सरकार के इस ऐलान पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने ZEE NEWS से खास बातचीत की.
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नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पीमए किसान योजना के तहत 71 हजार करोड़ रुपये किसानों के जेब में डाले गए. ये अपने आप में इतिहास है. उन्होंने कहा कि देश के किसानों की दुर्दशा के असली गुनहगार सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी और उनका परिवार है.
'ममता को झूठ बोलने की आदत'
ममता बनर्जी और राहुल गांधी के आरोपों को लेकर तोमर ने कहा कि अगर किसी को झूठ बोलने की आदत पड़ जाए तो इसके लिए हम क्या कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पैसे दे रही है और पश्चिम बंगाल के किसानों को भी पैसे मिले हैं. लेकिन कुछ लोगों को झूठ बोलने की आदत पड़ गई है.
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राहुल गांधी का आरोप
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि सरकार किसानों को पैसे नहीं दे रही है बल्कि उनकी सरकार खुद किसानों तक मदद पहुंचा रही हैं. वहीं आर्थिक पैकेज को लेकर राहुल गांधी ने सरकार पर वार करते हुए कहा था कि किसान को कर्ज की नहीं पैसों की जरूरत है. विदेश को देखकर बात न करें.
शुक्रवार को वित्त मंत्री ने क्या कहा था
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त का ऐलान करते हुए कहा था कि पीएम किसान निधि योजना के तहत किसानों के खातों में 18,700 करोड़ रुपये सीधा ट्रांसफर किए गए हैं. इससे पहले लगभग तीन चौथाई किसानों ने रियायती दरों पर खेती के लिए कर्ज लिया था. उन्होंने कहा कि 1 मार्च से 30 अप्रैल 2020 के बीच कृषि से जुड़े 86 हजार करोड़ रुपयों के 63 लाख कर्ज आवेदनों को मंजूर किया गया है.
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि मूल्य भंडारण की कमियां होने के कारण और मूल्य संवर्धन ना होने के कारण कमी रह जाती थी, उस कमी को पूरा करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपयों के कृषि आधारभूत ढांचे के लिए ये योजना लाई गई है.