मानसिक बीमारी से मिलेगी मुक्ति, ये मोबाइल ऐप होगा मददगार
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मानसिक बीमारी से मिलेगी मुक्ति, ये मोबाइल ऐप होगा मददगार

एम्स (AIIMS) द्वारा विकसित दोनों मोबाइल ऐप (Mobile App) को 'सक्षम' और 'दिशा' नाम दिया गया है. ये ऐप गंभीर मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों के साथ ही उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होंगे, जिन्हें बीमारी से संबंधित लक्षणों का हाल ही में पता चला है.

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: जबसे पूरी दुनिया Covid-19 महामारी की चपेट में आई है, चिंता और अवसाद (Depression) के मामले भी बढ़ गए हैं. इस बीच राष्ट्रीय राजधानी स्थित एम्स (AIIMS) ने पुरानी मानसिक बीमारी से पीड़ित मरीजों और उनके देखभाल करने वालों के लिए दो मोबाइल ऐप (Mobile App) विकसित किए हैं. ये ऐप गंभीर मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों के साथ ही उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होंगे, जिन्हें बीमारी से संबंधित लक्षणों का हाल ही में पता चला है.

  1. मानसिक बीमारी से निजात दिलाएगा मोबाइल ऐप
  2. दिल्ली एम्स ने विकसित किया मोबाइल ऐप
  3. अगली साल जनवरी में हो सकता है लॉन्च

कौन सा ऐप किसके लिए?

एम्स (AIIMS) द्वारा विकसित दोनों मोबाइल ऐप (Mobile App) को 'सक्षम' और 'दिशा' नाम दिया गया है. एम्स की वरिष्ठ मनोचिकित्सक (Psychiatrist) ममता सूद ने बताया, सक्षम ऐप उन लोगों के लिए है जो पुरानी मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं, जबकि दिशा ऐप उन लोगों को लाभान्वित करेगा, जो इस तरह के लक्षणों के पहले एपिसोड से गुजर रहे हैं. दोनों ऐप को इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली और यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक, ब्रिटेन के कंप्यूटर विज्ञान विभागों के सहयोग से विकसित किया गया है. इस प्रोजेक्ट को ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ रिसर्च द्वारा फंड किया गया है.

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अगले साल जनवरी में होगा लॉन्च

सूद ने कहा, ये ऐप अगले साल जनवरी से मुफ्त सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध होंगे. हम ऐप्स में उपयोग किए जाने वाले रोगी डेटा के बारे में अधिक चिंतित हैं और डेटा बहाली सुरक्षित हो जाने के बाद, हम इसे अगले साल जनवरी तक लॉन्च करेंगे. उन्होंने कहा, ऐप मरीजों की दवाओं और अन्य जरूरतों के लिए देखभाल करने वालों को रिमाइंडर भी भेजेंगे. चल रही महामारी के दौरान लोगों को होने वाली मानसिक समस्याओं के बारे में पूछे जाने पर, सूद ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों पर किए गए एम्स की एक रिसर्च से पता चला है कि स्वास्थ्य सेवा के 50 प्रतिशत कर्मचारी चिंता, अवसाद और तनाव जैसे लक्षणों का सामना कर रहे हैं.

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