दरगाह समिति के अध्यक्ष अमीन पठान ने कहा कि 100 किलोग्राम फूलों से लगभग 25 किलोग्राम खाद का बनाया जा सकता है.
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जयपुर : राजस्थान के अजमेर शहर में स्थित हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर चढ़ाए गए फूलों से जैविक खाद बनाया जाएगा. दरगाह के प्रबंधन ने शनिवार को यह जानकारी दी. हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा विनिर्मित दो रीसाइक्लिंग मशीनें दरगाह परिसर में लगाई गई हैं, जिनका गुरुवार को जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने उद्धाटन किया. दरगाह समिति के अध्यक्ष अमीन पठान ने कहा कि 100 किलोग्राम फूलों से लगभग 25 किलोग्राम खाद का बनाया जा सकता है.
मशीन दिन के दौरान अधिक खाद बना सकती है और इसी समय सबसे ज्यादा श्रद्धालु दरगाह आते हैं. अमीन पठान ने कहा कि मशीनों का संचालन दरगाह की समिति करेगी और स्टाफ को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. खाद का उपयोग सब्जियों और फलों की खेती में किया जाएगा. आरती डोगरा ने कहा, "इससे दरगाह की सुंदरता और सफाई में सुधार होगा. तीर्थयात्री भी अच्छा महसूस करेंगे." हिंदुस्तान जिंक के प्रवक्ता, पवन कौशिक ने कहा, "हमारी कंपनी को इस तरह की पहल से जुड़ने पर गर्व है. हम हमेशा समाज के अच्छे के लिए आगे रहे हैं."