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प्रयागराज: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. श्री बाघम्बरी गद्दी मठ को लेकर नरेंद्र गिरि का अपने शिष्य आनंद गिरि के साथ विवाद चल रहा था संत समाज की ओर से इसे सुलझाने की कोशिश की जा रही थी. पुलिस अब नरेंद्र गिरि की मौत की जांच में जुट गई है.
महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर शिष्य आनंद गिरि ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि गुरुजी की हत्या की गई और इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए. आनंद गिरि ने कहा कि कुछ लोग हमारे और गुरुजी के बीच दरार पैदा करने की कोशिश में लगे हुए थे और कुछ लोग नरेंद्र गिरि को घुन की तरह खाने का काम कर रहे थे. आनंद गिरि का कहना है जब मेरी बात हुई थी तो गुरुजी पूरी तरह स्वस्थ थे और कोरोना तक को मात दे चुके थे.
जानकारी के मुताबिक अपने बाघम्बरी गद्दी मठ में महंत मृत पाए गए हैं और पुलिस का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है. स्थानीय पुलिस के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. पुलिस हर एंगल पर मौत की जांच कर रही है और भारी तादाद में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. मौके पर यूपी पुलिस के साथ फॉरेंसिक टीम भी पहुंच गई है और सबूत जुटाए जा रहे हैं. उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत के निधन पर शोक जताया है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है। आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति!!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 20, 2021
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नरेंद्र गिरि का अपने शिष्य आनंद गिरि से विवाद चल रहा था. आनंद गिरी पर परिवार से संबंध रखने और मठ और मंदिर के धन के दुरुपयोग के मामले में कार्रवाई भी हुई थी. अखाड़े, मठ और मंदिर से निष्कासित किए जाने के बाद लगातार आनंद गिरि अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि के खिलाफ बयान दे रहे थे. इसके बाद अखाड़ा परिषद ने इस मुद्दे पर एक बैठक भी बुलाई थी. साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने गुरु पूर्णिमा के दिन आंनद गिरि को माफ करने के बाद मंदिर में प्रवेश की इजाजत भी दी थी. हालांकि, इसके बाद भी आंनद गिरि को उनका पुराना अधिकार नहीं मिला है सिर्फ बाघम्बरी गद्दी मठ और बड़े हनुमान मंदिर में आने पर लगी पाबंदी हटाई गई थी.