बतौर सेना प्रमुख तो जनरल बिपिन रावत का तीन साल का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है. लेकिन इसके बाद अब वह इससे बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगे.
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नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति पर अमेरिकी की तरफ से भी बधाई प्रस्तुत की गई है. अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के ब्यूरो ऑफ दक्षिण-मध्य एशिया (State_SCA) की तरफ से बयान जारी कर भारत के पहले सीडीएस को शुभकामनाएं पेश की गई है. भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर ने भी सेना प्रमुख के साथ अपनी पुरानी तस्वीर को शेयर करते हुए उन्हें नई जिम्मेदारियों के लिए शुभेच्छा प्रकट की है.
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के ब्यूरो ऑफ दक्षिण-मध्य एशिया की तरफ से जारी बयान में लिखा है, 'जनरल बिपिन रावत को भारत के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ के पद पर नियुक्त होने के लिए शुभकामनाएं. यह पद भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
Congrats to Gen. Bipin Rawat @adgpi on his appointment as #India’s first-ever Chief of Defense Staff. The CDS position will help catalyze greater #USIndia “joint” cooperation between our militaries as discussed at recent 2+2, including through joint exercises & info sharing. AGW https://t.co/faVPSai2Hj
— State_SCA (@State_SCA) December 30, 2019
बता दें कि बतौर सेना प्रमुख तो जनरल बिपिन रावत का तीन साल का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है. लेकिन इसके बाद अब वह इससे बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगे. जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया है. 1 जनवरी 2020 से वह इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे. सीडीएस फोर स्टार जनरल होगा और वह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एक नए विभाग, डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स के सेक्रेटरी के तौर पर काम करेगा और सरकार (राजनैतिक नेतृत्व) को सैन्य मामलों पर सलाह देगा.
सरकार ने साफ कर दिया कि सीडीएस सीधे तौर से थलसेना, वायुसेना और नौसेना के कमांड और यूनिट्स को कंट्रोल नहीं करेगा. लेकिन उसके अंतर्गत सेना के तीनों अंगों के साझा कमांड और डिवीजन होंगे.
सीडीएस की भूमिका?
भारत का पहला तीनों सेनाओं का अध्यक्ष यानी सीडीएस (CDS) रक्षा मंत्रालय के तहत डिपार्टमेंट ऑफ मिलिटरी अफेयर्स का मुखिया होंगे. सीडीएस (CDS) रक्षामंत्री से रक्षा मामलों से जुड़े मसलों पर सीधे संपर्क कर सकेगा और राय दे सकेगा. तीनों सेनाओं की सारी सम्मिलित कमान यानी ट्राइ सर्विस कमांड अब सीडीएस (CDS) के अधीन होंगी. करगिल युद्ध के बाद कारगिल रिव्यू कमेटी और नरेश चंद्रा कमेटी ने सीडीएस (CDS) की सिफारिश की थी.
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सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल
इससे तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल का साथ-साथ रक्षा बजट का उचित इस्तेमाल हो सकेगा. तीनों सेनाओं के ऑफिसरों का ट्रेनिंग स्कूल यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी सीडीएस (CDS) की कमान में होगा. इसके अलावा आर्म्ड फोर्सेज़ मेडिकल सर्विस, इंजीनियरिंग सर्विस और नेशनल डिफेंस कॉलेज भी सीडीएस (CDS) की कमान में होगा. सैनिक संचार के लिए जिम्मेदार सिग्नल ऑफिसर इंचार्ज भी सीडीएस (CDS) को रिपोर्ट करेगा. इसी साल बनाई गईं तीनों सेनाओं की साझा कमान स्पेशल ऑपरेशन डिविज़न, डिफेंस साइबर एजेंसी और डिफेंस स्पेस एजेंसी भी सीडीएस (CDS) को रिपोर्ट करेंगी.
भविष्य की रणनीति बनाएंगे
सीडीएस (CDS) को सबसे प्रमुख जिम्मेदारी भविष्य की रणनीति बनाने की होगी. भविष्य में तीनों सेनाओं की सम्मिलित कमान यानी थियेटर कमान की योजना बनाने का काम भी सीडीएस (CDS) करेगा. तीनों सेनाओं को मिलने वाले बजट का उचित इस्तेमाल करने के लिए सीडीएस (CDS) डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल यानि डीएसी का सदस्य होगा.
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रक्षा मंत्रालय ने सेना नियमों, 1954 में कार्यकाल और सेवा के नियमों में संशोधन किया है. मंत्रालय ने 28 दिसंबर की अपनी अधिसूचना में कहा है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) या ट्राई-सर्विसेज प्रमुख 65 साल की आयु तक सेवा दे सकेंगे. इसमें कहा गया, "बशर्ते की केंद्र सरकार अगर जरूरी समझे तो जनहित में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की सेवा को विस्तार दे सकती है." जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख पद से 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होंगे. मौजूदा नियमों के अनुसार, तीन सेवाओं के प्रमुख 62 साल की आयु तक या तीन साल तक सेवा दे सकते हैं.
इस घटनाक्रम को सरकार के भारत के पहले सीडीएस के पद के पंसद के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर को सीडीएस पोस्ट और इसके चार्टर व ड्यूटीज को मंजूरी दे दी थी.
नरवाने बनेंगे सेना प्रमुख
सेना प्रमुख के पद से जनरल बिपिन रावत के रिटायर होने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने आज (31 दिसंबर) देश के 28वें आर्मी चीफ का कार्यभार ग्रहण करेंगे. नरवाने के सेना प्रमुख का पद संभालने के साथ ही सेना के तीनों अंगों के प्रमुख नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA) के एक ही बैच के होंगे. एयरफोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया, नेवी चीफ एडिमरल करमबीर सिंह और एमएम नरवाने एनडीए के 56वें कोर्स के बैचमेट हैं.
डीएसी सारे रक्षा जरूरतों को पूरा करती है और सारे सौदे करती है. तीनों सेनाओं के पास मौजूद संसाधनों को अब आपस में बांटा जा सकेगा और सीडीएस (CDS) तीनों सेनाओं के पास मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर और उपकरणों के उचित इस्तेमाल के लिए भी ज़िम्मेदार होगा.