Ladakh Standoff: पैंगोंग के कब्जे की खबरों के बीच विदेश मंत्रालय का चीन को लेकर बड़ा बयान, जानें क्या कहा
Advertisement
trendingNow11190187

Ladakh Standoff: पैंगोंग के कब्जे की खबरों के बीच विदेश मंत्रालय का चीन को लेकर बड़ा बयान, जानें क्या कहा

Ladakh Standoff: पैंगोंग सो में चीन के दूसरे पुल की खबरों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम ऐसी खबरों पर नजर रखते हैं. यह सेना से जुड़ा मुद्दा है... हम इसे (चीन के) कब्जे वाला क्षेत्र मानते हैं.

Ladakh Standoff: पैंगोंग के कब्जे की खबरों के बीच विदेश मंत्रालय का चीन को लेकर बड़ा बयान, जानें क्या कहा

Ladakh Standoff: पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास चीन के दूसरा पुल बनाने की खबरें आने के एक दिन बाद विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि खबरों के अनुसार जिस स्थान पर निर्माण कार्य किया जा रहा है, वह क्षेत्र दशकों से उस देश के कब्जे में है और भारत ऐसे घटनाक्रम पर नजर रखता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा मार्च में की गई टिप्पणी का भी संदर्भ दिया जिसमें केन्द्रीय मंत्री ने कहा था कि अप्रैल 2020 से चीन की तैनाती के बाद से पैदा ‘तनाव और संघर्ष’ सामान्य संबंधों के माध्यम से दूर नहीं हो सकता है.

'हमने पुल से जुड़ी खबरें देखी हैं'

उनकी यह टिप्पणी चीन द्वारा सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पैंगोंग सो क्षेत्र में दूसरे पुल के निर्माण संबंधी खबरों पर प्रतिक्रिया स्वरूप आयी है. बागची ने कहा, ‘हमने पुल से जुड़ी खबरें देखी हैं. यह सेना से जुड़ा मुद्दा है... हम इसे (चीन के) कब्जे वाला क्षेत्र मानते हैं. रक्षा मंत्रालय इस संबंध में विस्तार से टिप्पणी कर सकेगा.’ उन्होंने कहा, ‘जिस क्षेत्र की बात हो रही है... हमें हमेशा लगा कि वह (चीन के) कब्जे वाला क्षेत्र है और हमें दशकों से (उसके वापस मिलने) की आशा है.’ उन्होंने कहा, ‘हम इन घटनाक्रमों पर नजर रखते हैं.’ बागची ने कहा कि अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्षेत्र में दूसरे पुल का निर्माण किया जा रहा है या फिर पहले पुल में ही विस्तार किया जा रहा है.

नया पुल दूसरे पुल के सामने बनाया जा रहा

जनवरी में जब चीन द्वारा पैंगोंग सो क्षेत्र में पहले पुल के निर्माण की खबर आयी थी तो विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह क्षेत्र पिछले 60 साल से चीन के अवैध कब्जे में है. उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों और सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार, नया पुल दूसरे पुल के सामने बनाया जा रहा है. प्रवक्ता ने बताया कि जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मार्च में उनकी नयी दिल्ली यात्रा के दौरान इस सैन्य गतिरोध पर भारत के रुख से अवगत कराया था.

आगे भी जारी रहेगी चीन से वार्ता

उन्होंने कहा, ‘आपको भी पता है कि विदेश मंत्री वांग यी इस साल मार्च में यहां आए थे और विदेश मंत्री ने उन्हें हमारी आकांक्षाओं से अवगत कराया था.’ बागची ने कहा कि भारत ने चीनी पक्ष के साथ राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता की है और आगे भी यह जारी रहेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर ने बाद में मीडिया से कहा था कि अप्रैल 2020 में चीनी पक्ष द्वारा तैनाती के कारण उत्पन्न तनाव एवं संघर्ष के बीच दोनों देशों में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो सकती.

पैंगोंग सो के पास दूसरा पुल

बागची ने कहा, ‘इसलिये हम चीनी पक्ष के साथ राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर संवाद जारी रखेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोनों मंत्रियों के निर्देशों का पूरी तरह से अनुपालन हो.’ जानकार सूत्रों ने बुधवार को बताया था कि चीनी पक्ष द्वारा पूर्वी लद्दाख में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पैंगोंग सो के पास दूसरा पुल बनाया जा रहा है.

(इनपुट-भाषा)

LIVE TV

Trending news