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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के एक फोन से तमिलनाडु (Tamil Nadu) की सियासत में भूचाल आ गया है. दरअसल, केंद्र सरकार और तमिलनाडु की द्रमुक सरकार में तनाव चल रहा है. इस बीच अमित शाह के द्रमुक सांसद कनीमोझी (Kanimozhi) को फोन करने की खबर जब से सामने आई है, अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. बताया जाता है कि एक महीने पहले शाह ने यह फोन कॉल की थी.
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह बताया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, अमित शाह (Amit Shah) ने 5 जनवरी को एम कनीमोझी को फोन किया था. दरअसल, शाह ने कनीमोझी को जन्मदिन की बधाई देने के लिए कॉल किया था. खास बात यह है कि उनकी पार्टी के नेता गृहमंत्री से एक बिल पर चर्चा करने के लिए अपॉइंटमेंट का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, जो राज्य को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (NEET) से छूट देने से जुड़ा है.
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सूत्रों के अनुसार, तमिलनाडु के सीएम और कनीमोझी के सतौले भाई एमके स्टालिन की इस कॉल से नींद उड़ गई है. सीनियर द्रमुक नेताओं को लग रहा है कि सीएम इस कॉल के राजनीतिक मायने तलाश रहे हैं. वह इसे सिर्फ जन्मदिन की बधाई के तौर पर नहीं देख रहे हैं. खासतौर से NEET बिल पर द्रमुक प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा के लिए शाह की टालमटोल को देखते हुए यह और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है. बता दें कि इस कॉल के बाद 6 जनवरी को स्टालिन ने राज्य विधानसभा में कहा था कि जनप्रतिनिधियों से मिलने से मना करना असंवैधानिक है.
नीट विधेयक स्टालिन सरकार और तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि के बीच विवाद का विषय बन गया है. हालांकि, तमिलनाडु विधानसभा ने सर्वसम्मति से विधेयक को पारित कर दिया था, लेकिन राज्यपाल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के लिए इसे नहीं भेजा है. गौरतलब है कि यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब स्टालिन राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष में अपने लिए एक बड़ी भूमिका तलाश रहे हैं. रविवार को उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उन्हें कॉल किया था. जल्द ही दिल्ली में बीजेपी विरोधी विपक्षी नेताओं का एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें राज्यों की 'स्वायत्तता में कटौती' पर चर्चा होगी.