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Mayawati demands arresting of Nupur Sharma: मायावती ने बीजेपी की पूर्व नेता नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) और नवीन जिंदल की गिरफ्तारी की मांग की है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने सरकार द्वारा बुलडोजर विध्वंस (Bulldogger Action) और अन्य द्वेषपूर्ण आक्रामक कार्रवाई को गलत बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा है.
बसपा नेता ने एक ट्वीट कर कहा,'उप्र सरकार एक समुदाय विशेष को लक्ष्य करके बुलडोजर विध्वंस और अन्य द्वेषपूर्ण आक्रामक कार्रवाई कर विरोध को कुचलने एवं भय तथा आतंक का जो माहौल बना रही है यह अनुचित एवं अन्यायपूर्ण है. घरों को ध्वस्त करके पूरे परिवार को निशाना बनाने की दोषपूर्ण कार्रवाई का अदालत जरूर संज्ञान ले.' उन्होंने कहा, 'समस्या की मूल जड़ नुपुर शर्मा तथा नवीन जिन्दल हैं, जिनके कारण देश का मान-सम्मान प्रभावित हुआ और हिंसा भड़की. उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं करके सरकार द्वारा कानून के राज का उपहास क्यों? दोनों आरोपियों को अभी तक जेल नहीं भेजना घोर पक्षपात व दुर्भाग्यपूर्ण. तत्काल गिरफ्तारी जरूरी.'
2. जबकि समस्या की मूल जड़ नूपुर शर्मा व नवीन जिन्दल हैं जिनके कारण देश का मान-सम्मान प्रभावित हुआ व हिंसा भड़की, उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं करके सरकार द्वारा कानून के राज का उपहास क्यों? दोनों आरोपियों को अभी तक जेल नहीं भेजना घोर पक्षपात व दुर्भाग्यपूर्ण। तत्काल गिरफ्तारी जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) June 13, 2022
मायावती ने कहा, 'सरकार द्वारा नियम-कानून को ताक पर रखकर आपाधापी में किए जा रहे बुलडोजर विध्वंसक कार्रवाईयों में न केवल बेगुनाह परिवार पिस रहे हैं बल्कि निर्दोषों के घर भी ढहाये जा रहे हैं. इसी क्रम में पीएम आवास योजना के मकान को भी ध्वस्त कर देना काफी चर्चा में रहा, ऐसी ज्यादती क्यों?’ गौरतलब हैं कि कानपुर और प्रयागराज की हिंसा में पत्थरबाजी के आरोपियों की संपत्तियों को बुलडोजर से गिराने की कार्रवाई की गयी हैं.
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तीन जून को बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणियों के खिलाफ बुलाए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान कानपुर में हिंसा भड़क गई थी. इसके बाद देश की राजधानी दिल्ली की जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद यूपी के प्रयागराज, देवबंद, झारखंड की राजधानी रांची समेत देश के एक दर्जन से ज्यादा शहरों में हिंसा और पत्थरबाजी की घटनाएं होने के साथ शहर का माहौल खराब करने की साजिश रची गई थी. हालांकि कई शहरों में हुई हिंसा की जांच चल रही है. वहीं कुछ शहरों में हुई हिंसा के पीछे पीएफआई का हाथ होने की बात कही जा रही है.
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(इनपुट: ANI)
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