महाराजा हरि सिंह ने प्रावधान किए थे... आर्टिकल 370 की वापसी के लिए आजाद ने सुझाए दो फॉर्मूले
Advertisement
trendingNow12004375

महाराजा हरि सिंह ने प्रावधान किए थे... आर्टिकल 370 की वापसी के लिए आजाद ने सुझाए दो फॉर्मूले

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला सही था या गलत? सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय पर सारी आशंकाएं और सवाल आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खत्म हो जाएंगे. नेताओं ने कहा है कि वे फैसले का सम्मान करेंगे. इस बीच गुलाम नबी आजाद ने 370 की वापसी के लिए फॉर्मूले भी सुझाए हैं. 

महाराजा हरि सिंह ने प्रावधान किए थे... आर्टिकल 370 की वापसी के लिए आजाद ने सुझाए दो फॉर्मूले

Ghulam Nabi Azad Article 370: आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले गुलाम नबी आजाद ने एक बड़ी बात कही है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व कांग्रेसी नेता ने कहा, 'केवल दो संस्थाएं हैं जो जम्मू-कश्मीर के लोगों को अनुच्छेद 370 और 35ए वापस कर सकती हैं और वे संस्थाएं संसद और सुप्रीम कोर्ट हैं.’ आगे उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय की पीठ निष्पक्ष है और हमें उम्मीद है कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के पक्ष में फैसला देगी. संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को 2019 में निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली 18 याचिकाओं पर आज फैसला आने वाला है. कांग्रेस से अलग होने के बाद डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) बनाने वाले आजाद ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि संसद पांच अगस्त, 2019 को लिए गए निर्णयों को पलटेगी क्योंकि इसके लिए लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा, ‘अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को वापस लाने के लिए (लोकसभा में) 350 सीट की आवश्यकता होगी. जम्मू-कश्मीर में किसी भी क्षेत्रीय दल को तीन, चार या अधिकतम पांच सीटें मिल सकती हैं. ये पर्याप्त नहीं होंगी. मुझे नहीं लगता कि विपक्ष इतनी संख्या जुटा पाएगा. मोदी जी के पास बहुमत था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसलिए, यह केवल उच्चतम न्यायालय ही कर सकता है.’ 

आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हर धर्म और जाति के लोगों का संविधान के उन विशेष प्रावधानों से भावनात्मक जुड़ाव रहा है जिन्हें चार साल पहले निरस्त कर दिया गया था. उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के लोग अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए से राजनीतिक रूप से नहीं बल्कि भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं. यह महत्वपूर्ण है कि हमारे वर्तमान और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इन (प्रावधानों) को बहाल किया जाए.’ 

महाराज हरि सिंह ने प्रावधान किए थे...

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की जमीन और नौकरियां बचाने के लिए 1925 में महाराजा हरि सिंह ने विशेष प्रावधान लागू किए थे. उन्होंने कहा, ‘इन प्रावधानों को आजादी के बाद अनुच्छेद 35ए के रूप में देश के संविधान में जगह मिली. पिछले 100 वर्ष में कई सरकारें आईं और गईं तथा किसी को भी इसे बदलने की जरूरत महसूस नहीं हुई.'

आज सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर

जम्मू-कश्मीर में आज सुरक्षा पहले से और कड़ी है. फैसला आने के बाद किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के पूरे इंतजाम किए गए हैं. सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रखी जा रही है. भाजपा ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीर्ष अदालत के प्रतिकूल फैसले की स्थिति में भी उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर में शांति भंग नहीं करेगी. पीडीपी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अदालत के फैसले से स्पष्ट होना चाहिए कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लिया गया निर्णय ‘अवैध’ था. नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी, ‘पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन’ का हिस्सा हैं, जिसे गुपकर गठबंधन भी कहा जाता है. इसका गठन अनुच्छेद 370 बहाल करने के लिए संघर्ष करने के लिए जम्मू-कश्मीर में कई दलों द्वारा किया गया था. 

भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई के प्रमुख रविंदर रैना ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से दोनों पक्षों को सुना है. रैना ने कहा, 'हमें विश्वास है कि शीर्ष अदालत के फैसले के बाद यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं रह जाएगा। न्यायालय जो भी फैसला करेगा, उसका सभी को सम्मान करना चाहिए और उसे स्वीकार करना चाहिए.' महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह सुनिश्चित करना शीर्ष अदालत की जिम्मेदारी है कि वह भाजपा के एजेंडे को आगे न बढ़ाए, बल्कि देश की अखंडता और उसके संविधान को बरकरार रखे. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि निर्णय सरल होना चाहिए कि 5 अगस्त, 2019 को जो कुछ भी किया गया वह अवैध, असंवैधानिक, जम्मू-कश्मीर और यहां के लोगों से किए गए वादों के खिलाफ था.' (भाषा के इनपुट के साथ)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news