Delhi Vs Centre Row: CM केजरीवाल ने PM मोदी को याद दिलायी 10 साल पुरानी बात, पूछा- सर ऐसा क्यों किया?
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Delhi Vs Centre Row: CM केजरीवाल ने PM मोदी को याद दिलायी 10 साल पुरानी बात, पूछा- सर ऐसा क्यों किया?

Modi Government ordinance: दिल्ली का बॉस कौन- LG या CM. इस यक्ष प्रश्न का जवाब अभी भविष्य के गर्भ में है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब केंद्र सरकार के अध्यादेश के बाद अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने PM मोदी के 10 साल पुराने ट्वीट को शेयर करके पूछा है कि अध्यादेश क्यों?

Delhi Vs Centre Row: CM केजरीवाल ने PM मोदी को याद दिलायी 10 साल पुरानी बात, पूछा- सर ऐसा क्यों किया?

Arvind Kejriwal PM Modi govt NCCSA ordinance: दिल्ली का बॉस कौन? लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक चुनी हुई सरकार के पास संवैधानिक ताकत है कि वो अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग अपने हिसाब से करे. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर दिल्ली सरकार के कोशिशों पर पानी फेर दिया. जिससे आहत होकर अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए अध्यादेश लाने के फैसले पर तीखा हमला बोला है. CM केजरीवाल ने PM मोदी का 10 साल पुराना ट्वीट शेयर करते हुए पूछा है कि सर, अध्यादेश लाने की क्या जरूरत थी?

ट्वीट में याद दिलाई पुरानी बात

सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी का जो ट्वीट शेयर किया है, उसमें पीएम मोदी ने लिखा था कि जब संसद में बैठक चल रही है. संसद को भरोसे में क्यों नहीं लिया गया और एक अच्छा बिल क्यों नहीं दिया जा सके. अध्यादेश क्यों लाया गया? इस तरह से सीएम ने पीएम को घेरने के लिए उन्हीं के एक पुराने ट्वीट का इस्तेमाल किया है.

दरअसल आम आदमी पार्टी के सारे नेता एक सुर में इस अध्यादेश के बारे में ये कह रहे हैं कि इस अध्यादेश  को लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने के लिए लेकर आया गया है. यह सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के जरिए सीएम अरविंद केजरीवाल को मिली अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार को छीनने का प्रयास है. दिल्ली सरकार के नेताओं का कहना है कि लैंड, लॉ एंड आर्डर और दिल्ली पुलिस को छोड़कर उन्हें हर पहलू पर निर्णय लेने का हक है जो उनसे छीना जा रहा है. 

आप भी देखिए सीएम केजरीवाल का ट्वीट.

अध्यादेश यानी LG ही BOSS!

इस अध्यादेश के जरिए दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए हैं. इसी के तहत केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन करेगी, जो दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस का काम भी देखेगा. ट्रिब्यूनल में 3 मेंबर होंगे. जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और गृह सचिव होंगे. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी ट्रांसफर और पोस्टिंग का फैसला बहुमत के आधार पर करेगी पर आखिरी फैसला एलजी का ही होगा.

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