ट्वीट करके सरकार पर साधा निशाना
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'सरकारी आंकड़ों ने मोदी के 'सबका साथ सबका विकास' के झूठ की पोल खोल दी. ख्वांचा-फरोशों को दिए गए 32 लाख से अधिक कर्जों में से सिर्फ 331 ही अल्पसंख्यकों को मिले, यानी कि मात्र 0.0102%. बावजूद इसके कि असंगठित शेत्र में बड़ी संख्या में मुस्लिम अल्पसंख्यक काम करते हैं. मोदी, सावरकर-गोवलकर की सोच को नाफिज कर रहे हैं और मुसलमानों को दूसरे दर्जे का शहरी बना रहे हैं.'
चीन को लेकर भी उठाए थे सवाल
पिछले दिनों भी ओवैसी सरकार पर हमलावर दिखे. उन्होंने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार की चीन नीति पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा था कि कहावत है कि जब कोई सो रहा होता है, तो हॉर्न का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. हमारे पीएम भी सो रहे हैं. वे कब ये बात मानेंगे कि हमे चीन से खतरा है. क्या उन्होंने लद्दाख में यथा स्थिति को मान लिया है? इसके अलावा ओवैसी ने दावा किया कि पिछले दो सालों से चीनी सेना लद्दाख के हिस्सों पर अपना कब्जा जमाए बैठी है. प्रधानमंत्री की महान योजनाओं की वजह से भारत इतना कमजोर हो गया है.
खरगोन में बनीं AIMIM की पार्षद
हाल ही में मध्यप्रदेश में हुए निकाय चुनावों में मध्य प्रदेश के खरगोन नगर पालिका में AIMIM की टिकट पर पार्षद चुनाव जीत गईं. AIMIM की टिकट पर चुनाव जीतने वाली अरुणा श्यामा उपाध्याय ने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देना उनकी प्राथमिकता है. इस जीत के बाद ओवैसी ने ट्वीट किया कि खरगोन से AIMIM के 7 उम्मीदवारों ने नगर पालिका चुनाव में जीत हासिल की. हम पर एतमाद जताने और मजलिस को अपने कीमती वोटों से नवाजने के लिए खरगोन के अवाम का तहे-दिल से शुक्रिया. खरगोन के अवाम ने नफरत की राजनीति को नकारा और हमारे उम्मीदवार अरुणा उपाध्याय को कामयाब किया.
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