असम में 6 महीने के लिए बढ़ाया गया AFSPA कानून, फिर से हुआ 'अशांत क्षेत्र' घोषित हुआ राज्य
Advertisement
trendingNow1984364

असम में 6 महीने के लिए बढ़ाया गया AFSPA कानून, फिर से हुआ 'अशांत क्षेत्र' घोषित हुआ राज्य

असम में 1990 से ही ये कानून लागू है. हर 6 महीने बाद राज्य सरकार इसको बढ़ा देती है. वहां के सामाजिक कार्यकर्ता लगातार इसको हटाने की मांग करते रहे हैं.

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: असम सरकार (Assam government) ने सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 Armed Forces (Special Powers) Act को अगले 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है. बीते शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि AFSPA की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 28 अगस्त, 2021 से छह महीने तक पूरे असम राज्य को 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया गया है. असम में नवंबर 1990 में AFSPA लगाया गया था और तभी से राज्य सरकार द्वारा समीक्षा के बाद हर छह महीने पर इसे बढ़ाया जाता रहा है.

  1. असम में फिर 6 महीने के लिए बढ़ा AFSPA कानून
  2. राज्य में 1990 से चला आ रहा है ये एक्ट लोग करने लगे हैं विरोध
  3. AFSPA के लागू होने के बाद हो जाती है केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती 

ये बताए जा रहे हैं कारण

बयान में राज्य में AFSPA बढ़ाने का कोई कारण नहीं बताया गया है. हालांकि जानकारों का मानना है कि राज्य के कई इलाकों में में हत्या, लूट और फिरौती के मामलों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. इसके अलावा इसके पीछे हाल ही में हुए असम के दीमा हसाओ जिले में संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा पांच लोगों की हत्या की घटना भी बताया जा रहा है. जिसमें आतंकवादियों ने पांच लोगों की हत्या कर दी थी और कई ट्रकों को आग लगा दी थी. इससे पहले 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव से पहले 6 महीने के लिए राज्य में AFSPA लगाया गया था. तब असम के राज्यपाल जगदीश मुखी (Governor Jagdish Mukhi) ने पूरे राज्य को 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया था.

ये भी पढ़ें: Meerut Honour Killing: रिश्ते हुए शर्मसार, तड़पती रही बहन, हंसता रहा हत्यारा भाई; ये थी वजह

1990 से चला आ रहा है कानून

बता दें कि असम में AFSPA कानून  नवंबर 1990 में लगाया गया था और तब से राज्य सरकार द्वारा समीक्षा के बाद इसे हर छह महीने में बढ़ाया गया है. जिन इलाकों में ये लागू हैं वहां के लोग इसको हटाने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं.  पूर्वोत्तर में असम, नगालैंड, मणिपुर (इंफाल म्यूनिसिपल काउंसिल क्षेत्र को छोड़ कर), अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग, लोंगडिंग और तिरप जिले के अलावा असम सीमा से सटे राज्य के आठ पुलिस थाना क्षेत्रों में AFSPA लागू है.

ये भी पढ़ें: कोरोना होने के 30 दिन के भीतर हुई मौत को माना जाएगा Covid Death, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

क्या है AFSPA कानून?

AFSPA कानून के तहत केंद्र सरकार राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर किसी राज्य या क्षेत्र को अशांत घोषित कर वहां केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करती है. AFSPA के तहत सशस्त्र बलों को कहीं भी अभियान चलाने और बिना पूर्व वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार प्राप्त है.  AFSPA को 1958 में लागू किया गया था, इसका उपयोग अशांत घोषित किये गये क्षेत्रों में किया जाता है. इस एक्ट के द्वारा किसी क्षेत्र में धार्मिक, नस्लीय, भाषायी तथा समुदायों के बीच विवाद के कारण इसे राज्य अथवा केंद्र सरकार द्वारा अशांत घोषित किया जा सकता है. इस एक्ट के द्वारा सशस्त्र बलों, राज्य व केन्द्रीय पुलिस बल को उग्रवादियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही संपत्ति या घर को नष्ट करने, छानबीन करने और गोली मारने का अधिकार दिया गया है. इस अधिनियम में सुरक्षा बलों को दुर्भावनापूर्ण व महत्त्वहीन मुकद्दमे से भी सुरक्षा प्रदान की गयी है.

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news