कुछ दिन बाद ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. आज अटल की जयंती पर भगवान राम को लेकर कही उनकी बात देशवासियों को जरूर याद आ रही होगी. आज मदन मोहन मालवीय (Madan Mohan Malviya Jayanti) की भी जयंती है. देश आज अपने सपूतों को नमन कर रहा है.
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Atal Bihari Vajpayee On Ayodhya Ram Mandir: आज अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है. आज वह होते तो अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर को बनता देख काफी खुश होते. 22 जनवरी 2024 को अपने जन्मस्थान पर बने भव्य मंदिर में श्रीराम विराजमान होंगे. करीब तीन दशक पहले जब उन्होंने गठबंधन सरकार बनाई तो राम मंदिर, 370 समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों को छोड़ते हुए उन्होंने कहा था कि हमें बहुमत का इंतजार रहेगा. 2014 में भाजपा को बहुमत मिला तो एक-एक कर अटल के वो सपने पूरे होते गए. उन्होंने संसद से स्पष्ट संकेत दे दिया था कि जब भी उनकी पार्टी को जनता बहुमत देगी, ये काम होकर रहेंगे. राम मंदिर पर उन्होंने एक बार बहुत दिलचस्प किस्सा सुनाया था. वाजपेयी ने अपने अफगानिस्तान दौरे का जिक्र करते हुए बताया कि मुझे जिस होटल में ठहराया गया था उसका नाम था कनिष्क. अफगानिस्तान एक मुस्लिम देश है. मुझे बड़ा ताज्जुब हुआ कि कनिष्क यहां कहां से आया?
अफगानिस्तान में कनिष्क कहां से आया?
वाजपेयी ने बताया कि मेरे साथ अफगानिस्तान के विदेश मंत्री थे, मैंने उनसे पूछ लिया कि कनिष्क आपका कौन लगता है? कनिष्क से आपका क्या संबंध है? कहने लगे- कनिष्क हमारा पूर्वज है, कनिष्क हमारा पुरखा है. वह हमारे पूर्वजों में से एक थे. मैंने कहा तब तो हमारे आपके पुरखे एक हैं. अफगानिस्तान के लोगों ने उपासना पद्धति बदली है, संस्कृति नहीं बदली. आज के भारत के परिवेश में ये सुनने के बाद थोड़ा विचित्र लगता है. हमारे यहां तो धर्मांतरण के साथ राष्ट्रांतरण होता है. ऐसा दृश्य दिखाई देता है... पड़ोसी देशों में ऐसा नहीं हुआ है.
इंडोनेशिया में रामायण
अटल ने आगे कहा था कि अभी रामजन्मभूमि का मामला (अब फैसला आ चुका है और राम मंदिर बन रहा है) चल रहा है. एक विदेशी आए. कहने लगे कि ये रामजन्मभूमि का क्या झगड़ा है. हमने कहा कि इस पर विवाद हो रहा है कि श्री राम कहां पैदा हुए थे और जहां पैदा हुए थे वो स्थान उनके मंदिर के लिए प्रयुक्त किया जाए या न किया जाए. वह इंडोनेशिया से आए थे. वह मुसलमान हैं. कहने लगे कि हम तो समझते थे कि राम के लिए सारे भारत में आदर होगा, सम्मान होगा. हमने कहा कि ये आपने कैसे समझा? कहने लगे कि आप तो इंडोनेशिया में आ चुके हैं वहां बहुत से लोगों ने इस्लाम स्वीकार कर लिया मगर श्रीराम को भुलाया नहीं. इंडोनेशिया के बाली द्वीप में एक महीने रामायण की लीला होती है. मैं उस समारोह में जा चुका हूं. उस समय भी विदेश मंत्री मेरे पास बैठे थे. मैंने कहा कि ये मंच क्या हो रहा है. वह बोले कि आपको तो पता होना चाहिए. मैंने कहा कि मैं तो जानता हूं लेकिन आपसे जानना चाहता हूं.
इंडोनेशिया के विदेश मंत्री बोले कि यह रामायण है. मंच पर यह राम हैं, लक्ष्मण हैं, सीता हैं. मैंने कहा कि इनसे आपका क्या संबंध है, आप तो मुसलमान हैं. वह कहने लगे कि हमारा संबंध बहुत पुराना है. हमारा तब का संबंध है जब हम मुसलमान नहीं हुए थे.
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जय श्री राम
#अटल_बिहारी_वाजपेयी_जी के ये शब्द सुनने चाहियें। pic.twitter.com/ny8F7zpZgp— रोहित सिंह राजावत (@rohit521) July 31, 2020
अटल ने उस भाषण में कहा था कि थाईलैंड की राजधानी अयोध्या कही जाती है. थाईलैंड के राजा को आज भी राम कहा जाता है. उसी समय अटल ने कहा था कि बुनियादी तौर पर भारत हिंदू राष्ट्र है.