'मेरा ये गलती था...सच बताना चाहिए' NEET मामले पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्यों कहा ऐसा?
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'मेरा ये गलती था...सच बताना चाहिए' NEET मामले पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्यों कहा ऐसा?

NEET Paper Leak: मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट और यूजीसी-नेट को रद्द करने पर जारी विवाद के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एजेंसी को क्लीन चिट देने पर अपनी गलती मानी है. उन्होंने यह भी कहा कि यूजीसी-नेट का प्रश्नपत्र लीक होना राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की विफलता है. 

'मेरा ये गलती था...सच बताना चाहिए' NEET मामले पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्यों कहा ऐसा?

NEET Controversy Update: क्या शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NTA को क्लीन चिट देने में बहुत जल्दबाजी दिखाई? विपक्ष ऐसे आरोप लगा रहा है. कुछ घंटे पहले एक इंटरव्यू में जब शिक्षा मंत्री से यही सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कह दिया, 'मेरा ये गलती था. मैं स्वीकार करने में... उस दिन पहले दिन सभी मीडिया में एजेंडा था कि ग्रेस मार्क होना चाहिए या री-टेस्ट होना चाहिए.' उन्होंने कहा कि उस समय उनके पास जानकारी नहीं थी. 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि चुनाव के बाद पहले दिन मैंने जॉइन किया था और उसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि फिर से टेस्ट कर लिया जाए. उस समय मेरे पास जानकारी अन्य विसंगति की नहीं थी. किसी प्रकार की गड़बड़ी की नहीं थी. तब मैंने कहा था कि अभी तक मेरे पास जितनी जानकारी है इसमें कोई विसंगति नहीं है लेकिन ज्यों ही मेरे ध्यान में आया, मैं अंदर तक गया. मैंने बिहार में प्रशासन से बात किया. भारत सरकार के अधिकारी और एजेंसियां काम पर लग गईं. सरकार का शीर्ष नेतृत्व उस पर चिंतित था. 

प्रजातंत्र में सच...

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि प्रजातंत्र में जो चीज सच है उसे बताना चाहिए. हमने कहा कि विनम्रता के साथ... हमें छात्रों के हितों की रक्षा करनी है. उनके अभिभावकों की चिंता करनी है. इसलिए अगर हमने कुछ कहा कि इसमें भ्रम... उसे स्वीकार करने में मुझे कोई दुविधा नहीं है. मैंने पहले ही कहा है कि कोई भी व्यक्ति हो, कितना भी बड़ा ताकतवर हो, अगर उसे दोषी पाया जाएगा तो छोड़ा नहीं जाएगा. हम इसे अंजाम तक पहुंचाएंगे. आगे जीरो एरर की व्यवस्था हो, इसका भी इंतजाम करेंगे. 

कैसे होगा जीरो एरर?

शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी ध्यान में आया है कि एनटीए में जिस प्रकार के काम होते हैं, जैसे एग्जाम हो रहे हैं. पिछले साल एनटीए में एक करोड़ 30 लाख लोग पढ़ाई या नौकरी के लिए परीक्षा दिए. इस साल अब तक 80 लाख लोग परीक्षा दे चुके हैं. एनटीए एक स्वायत्त संस्था है लेकिन उसका काम गैरजिम्मेदाराना नहीं हो सकता. कुछ इंटरनल सुधार की आवश्यकता है. सरकार उच्चस्तरीय एक्सपर्ट की कमेटी बनाएगी. वह एनटीए के स्ट्रक्चर, परीक्षा प्रोसेस, डेटा सिक्योरिटी इस पर बारीकी से रिपोर्ट देगा. 

इससे पहले प्रधान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि यूजीसी-नेट को रद्द करना कोई अचानक लिया गया निर्णय नहीं था. हमें इस बात के सबूत मिले हैं कि प्रश्न-पत्र डार्कनेट पर लीक हो गया था और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म 'टेलीग्राम' पर साझा किया जा रहा था, इसलिए परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया. 

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