Rambhadracharya News: जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य (Rambhadracharya) ने कह दिया है कि बाबर (Babur) के बनकर रहोगे तो ये नहीं हो पाएगा. भारत में रहना होगा तो वंदे मातरम कहना होगा.
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Rambhadracharya Statement: बागेश्वर धाम (Bageshwar dham) के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) के गुरु और तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य (Rambhadracharya) ने बड़ा बयान दिया है. जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि हम तो अखंड भारत चाह रहे थे लेकिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षा ने इस देश का विभाजन करवा दिया. और देश का विभाजन मजहब के आधार पर किया गया फिर भी हमने समरसता बरती. हां मानना है कि भारत में यदि रहना और तो रघुवर और यदुवर के होकर रहो तो रह लो. लेकिन बाबर के बनकर रहोगे तो ये नहीं होगा. इसमें हम समरसता का ढोंग नहीं करेंगे. जिसे भारत में रहना है उसे वंदे मातरम कहना है.
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य का बड़ा बयान
बता दें कि मध्य प्रदेश के जबलपुर में तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने अपने व्याख्यान के दौरान वर्तमान राजनीति पर तीखे हमले किए. भगवान श्रीराम के रामराज्य के कई उदाहरण देते हुए उन्होंने सरकारों और नेताओं को नसीहतें दीं. जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने भारत देश को सदियों से अखंड बताया. साथ ही आजादी के बाद देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा सत्ता हासिल करने के लिए भारत को विखंडित करने का बयान दिया. स्वामी रामभद्राचार्य यहीं नहीं रुके बल्कि वर्तमान दौर की सरकारों की नीतियों पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि सरकार हमसे है हम सरकार से नहीं.
जातिवाद को बताया सनातन के खिलाफ
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने जातिवाद पर कटाक्ष करते हुए अब्राहम लिंकन के वाक्य को दोहराया. उन्होंने आरक्षण को सनातनी संस्कृति के विरूद्ध करार दिया. स्वामी रामभद्राचार्य ने नेताओं और अफसरों की वीआईपी सुविधाओं पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि भगवान राम के राज्य में कोई वीआईपी नहीं होता था. बल्कि, पशुओं के साथ भी समरसता का व्यवहार किया जाता था. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही वीआईपी सुविधाएं बंद कर दी लेकिन नेताओं और अधिकारियों के सिर से वीआईपी होने का भूत उतरा नहीं है.
राम मंदिर निर्माण पर कही ये बात
अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के फैसले में लगे समय को लेकर भी स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि सन् 1949 में आजादी के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट में केस लगाया गया लेकिन, 70 साल बाद 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर निर्माण का फैसला आया. लगातार सरकारों की नीतियों को कटघरे में खड़े करते हुए उन्होंने धारा 370 और 35ए हटाने के लिए मोदी सरकार की सराहना की.
सरकार के सामने रखीं ये मांगें
इसके साथ ही देश को अखंड भारत बनाने के लिए समान नागरिक संहिता लागू करने, रामचरितमानस को राष्ट्र ग्रंथ और गाय को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की. स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि जब चुनाव आते हैं तब नेताओं को समरसता दिखती है. चुनाव आते हैं तब नई-नई योजनाएं बनती हैं और शिलान्यास होते हैं. वरना 4 साल तक नेता आराम करते हैं. कई बार जब नेताओं से कोई मिलने जाता है तो उनके कर्मचारी साहब को व्यस्त बता देते हैं. तो कभी कह देते हैं कि साहब भोजन कर रहे हैं, भाई साहब आराम कर रहे हैं.
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