Bangladesh: आंतरिक मामला है... यह कहकर दुनिया ने मूंद ली आंखें, आज लोगों को फिर क्यों याद आ रही इंदिरा गांधी की वो प्रेस कॉन्फ्रेंस
Advertisement
trendingNow12370896

Bangladesh: आंतरिक मामला है... यह कहकर दुनिया ने मूंद ली आंखें, आज लोगों को फिर क्यों याद आ रही इंदिरा गांधी की वो प्रेस कॉन्फ्रेंस

Bangladesh Crisis:पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर शुरू हिंसक प्रदर्शन आखिरकार तख्तापलट में तब्दील हो गया. जमकर हिंसा, बड़े पैमाने पर आगजनी-तोड़फोड़ और लूटपाट के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार (5 अगस्त) को मजबूरी में इस्तीफा देकर वतन छोड़ना पड़ा. दुनिया के ज्यादातर देश इसे 1971 और 1975 की तरह ही बांग्लादेश का आंतरिक मामला बता रहे हैं. ऐसे मुश्किल समय में लोगों को भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद आ रही है.

Bangladesh: आंतरिक मामला है... यह कहकर दुनिया ने मूंद ली आंखें, आज लोगों को फिर क्यों याद आ रही इंदिरा गांधी की वो प्रेस कॉन्फ्रेंस

Indira Gandhi Press Confrence: पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में हिंसक प्रदर्शन ने तख्तापलट का रूप अख्तियार कर लिया. इस सिलसिलेवार घटना ने पीएम शेख हसीना को इस्तीफा देने के साथ ही जान बचाकर वतन छोड़ भागने पर मजबूर कर दिया. शेख हसीना सोमवार (5 अगस्त) के विमान को आपात स्थिति में और सेना की निगरानी में गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस पर लैंड कराया गया. इसके बाद उन्हें सेफ होम भेज दिया गया.

सांप्रदायिक और राजनीतिक हिंसा या बांग्लादेश का आंतरिक मामला?

राजनीतिक उठापटक के बाद एक बार फिर कट्टर इस्लामिक ताकतों की ओर से भड़काई गई हिंसा की आग में झुलसते बांग्लादेश को भारत से उम्मीद की किरण दिख रही है. गाजियाबाद पहुंची शेख हसीना ब्रिटेन, अमेरिका और सिंगापुर में शरण लेने की कोशिश कर रही है. वहीं, दुनिया के कई देश इस व्यापक सांप्रदायिक और राजनीतिक हिंसा को बांग्लादेश का आंतरिक मामला बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं.

बांग्लादेश संकट में आ रही भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद

बांग्लादेश की ऐसी विषम परिस्थिति के दौरान ज्यादातर लोगों को भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद आ रही है. बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष, देश के गठन और बाद के दिनों में वहां राजनीतिक स्थिरता के लिए भी उन्होंने बड़ी मदद की थी. क्योंकि उस दौरान भी दुनिया ने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से बांग्लादेश के निर्माण की पूरी प्रक्रिया को आंतरिक मामला कहा था. तब 31 दिसंबर, 1971 को इंदिरा गांधी ने अपने प्रेस कांफ्रेस में कई मुद्दों पर मजबूती से अपनी बात रखते हुए दुनिया को सच्चाई से रूबरू कराया था. 

दुनिया से बांग्लादेश में शांतिपूर्ण समाधान के लिए मदद करने की अपील

इंदिरा गांधी ने साफ तौर पर कहा था कि यह महज आतंरिक मामला नहीं, बल्कि दुनिया की 7.5 करोड़ से ज्यादा पीड़ित लोगों का साथ देने का और उनका मानवाधिकार बचाने का समय है. उन्होंने भारत पर शरणार्थियों के बढ़ते दबाव पर भी दुनिया का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की थी. इंदिरा गांधी ने संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के तमाम देशों से बांग्लादेश में शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने में मदद करने की अपील भी की थी. 

प्रशासनिक, राजनीतिक, सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा की समस्या

13 दिनों तक युद्ध के बाद पाकिस्तान के सरेंडर और बांग्लादेश निर्माण के 15 दिन बाद बाद अपने पहले प्रेस कांफ्रेस में इंदिरा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तानी सेना की बेरहमी से तंग जनता भारत में आ गई है. दुनिया के देशों के सौतेले रवैए के चलते 1 करोड़ से ज्यादा जख्मी, भूखे, बीमार लोगों की सेवा में भारत ने वित्तीय बोझ की फिक्र नहीं की. हालांकि, इससे प्रशासनिक, राजनीतिक, सामाजिक समस्याओं से ज्यादा खतरनाक सुरक्षा की समस्या बढ़ रही है. भारत की सहन क्षमता अपने आखिरी सीमा तक पहुंच गई है.

ये भी पढ़ें- Sheikh Hasina के बांग्लादेश में आखिरी 45 मिनट, तख्तापलट से ठीक पहले क्या-क्या हुआ?

बांग्लादेश में हिंदूओं पर बढ़ते अत्याचार को रोकने के लिए विहिप की अपील

दूसरी ओर, मौजूदा दौर में एक बार फिर राजनीतिक और सांप्रदायिक हिंसा की भेंट चढ़े बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समाज पर बढ़ते अत्याचार और मानवाधिकारों के हनन को लेकर विश्व हिंदू परिषद आगे आया है. विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने भारत सरकार समेत दुनिया के तमाम देशों के प्रमुखों से बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं की सुरक्षा के लिए मदद की अपील की है. कुमार ने बताया कि बांग्लादेश के सभी जिलों में हिंदू और सिखों के घर, दफ्तर, मंदिरों और गुरुद्वारों पर लगातार हमले हो रहे हैं. हिंदुओं की आबादी 32 फीसदी से घटकर 8 फीसदी हो गई है.

ये भी पढ़ें- 26 साल के इस लड़के की वजह से बांग्लादेश में हुआ तख्तापलट, शेख हसीना का करियर हो गया खत्म

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news