बिहार में बाढ़ से भयंकर तबाही, नेपाल में हालात बद से बदतर.. 148 की मौत
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बिहार में बाढ़ से भयंकर तबाही, नेपाल में हालात बद से बदतर.. 148 की मौत

Flood News: बाढ़ और भूस्खलन के कारण नेपाल के कई हिस्सों में जनजीवन ठप हो गया है. कई राजमार्ग और सड़कें अवरुद्ध हैं, सैकड़ों मकान और पुल बह गए हैं तथा सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं. सड़क अवरुद्ध होने के कारण हजारों यात्री फंसे हुए हैं.

बिहार में बाढ़ से भयंकर तबाही, नेपाल में हालात बद से बदतर.. 148 की मौत

Death due to Flood: देश के कई हिस्सों में अभी भी बारिश का दौर तो जारी है ही, साथ बिहार जैसे राज्यों में बाढ़ से तबाही मच गई है. वहीं पड़ोसी देश नेपाल में हालात बद से बदतर हैं. नेपाल में बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर रविवार को 148 हो गई है. बिहार में रविवार को बाढ़ की स्थिति चिंताजनक बनी रही. कई स्थानों पर नदियों के तटबंध टूट गए हैं और वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाढ़ का पानी घुस गया है जिसका असर भारत-नेपाल सीमा से लगते जिलों पर सबसे अधिक पड़ा है.

बिहार में हाहाकार

बिहार के सीतामढ़ी जिले के मधकौल गांव में बागमती नदी के तटबंध में रविवार को जहां दरार की खबर आई, वहीं पश्चिमी चंपारण में गंडक नदी पर पानी के अत्यधिक दबाव के कारण बगहा-1 प्रखंड में नदी के बाएं किनारे पर स्थित तटबंध शाम 4.50 बजे क्षतिग्रस्त हो गया जिससे बाढ़ का पानी पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में भी प्रवेश कर गया. इससे वहां के वन्यजीवों को खतरा उत्पन्न हो गया है.

 पानी के बढ़ते दबाव से..

राज्य जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) द्वारा रविवार को जारी ताजा बयान के अनुसार, ‘‘बागमती नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि और पानी के बढ़ते दबाव से सीतामढ़ी जिले के बेलसंड, परसौनी, बरगैनिया और रसलपुर प्रखंडों तथा शिवहर जिले के पिपराही, पुरनहिया और शिवहर प्रखंडों में बागमती नदी के बाएं और दाएं तटबंध पर कई जगह रिसाव की सूचना मिली जिन्हें तत्काल दुरूस्त किया गया.

अधिकतम जलस्तर दर्ज किया गया

बिहार की अन्य नदियों में भी इस साल का अधिकतम जलस्तर दर्ज किया गया. कमला बलान नदी के झंझारपुर मापक स्थल पर जलस्तर 52.10 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 2.10 मीटर अधिक है. ललबेकिया नदी के गोवाबाड़ी मापक स्थल पर जलस्तर 72.70 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 1.55 मीटर अधिक है. बयान के मुताबिक महानंदा नदी के तैयबपुर एवं ढ़ेगराघाट मापक स्थलों पर क्रमशः 66.81 मीटर एवं 37.22 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से क्रमश: 0.81 मीटर एवं 1.57 मीटर अधिक है. कमला बलान, ललबेकिया एवं महानंदा नदी के तटबंध एवं संरचनाएं सुरक्षित है. 

बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रविवार को बताया कि जल संसाधन विभाग की टीम तटबंधों की चौबीसों घंटे निगरानी कर रही हैं ताकि कटाव या खतरे का पता चलते ही त्वरित कार्रवाई की जा सके. विभाग के तीन अधीक्षण अभियंता, 17 कार्यपालक अभियंता, 25 सहायक अभियंता और 45 कनीय अभियंता 24 घंटे काम कर रहे हैं और वे हमेशा सतर्क रहते हैं. घबराने की कोई बात नहीं है.

नेपाल में हालात बद से बदतर

उधर अगर नेपाल की बात करें तो मध्य नेपाल के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं और देश के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गई है. पुलिस के अनुसार, काठमांडू घाटी में बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण अब तक 43 लोगों की मौत हुई है. सशस्त्र पुलिस बल सूत्रों के अनुसार बाढ़, भूस्खलन और जलभराव के कारण 55 लोग लापता हैं, जबकि 101 लोग घायल हुए हैं. भूस्खलन के कारण शनिवार से ही राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हैं और सैकड़ों लोग विभिन्न राजमार्गों पर फंसे हुए हैं. कम से कम 322 मकान और 16 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. 

लोगों को बचाने के लिए 20,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि करीब 3,626 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. सूत्रों ने बताया कि बचाव अभियान अब भी जारी है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने कहा कि भूस्खलन से क्षतिग्रस्त राजमार्गों के खंडों को खोलने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने 40-45 वर्षों में काठमांडू घाटी में ऐसी विनाशकारी बाढ़ और जलभराव कभी नहीं देखा. 

मरने वालों की संख्या 148 तक

सशस्त्र पुलिस बल ने एक बयान में कहा कि मरने वालों की संख्या 148 तक पहुंच गई है. काठमांडू के पास स्थित धादिंग जिले में शनिवार को एक बस के भूस्खलन की चपेट में आने से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई. भक्तपुर शहर में भूस्खलन में एक मकान ढहने से पांच लोगों की मौत हो गई. मकवानपुर में ‘ऑल इंडिया नेपाल एसोसिएशन’ द्वारा संचालित एक प्रशिक्षण केंद्र में, भूस्खलन की घटना में छह फुटबॉल खिलाड़ियों की जान चली गई और अन्य लोग बाढ़ के पानी में बह गए.

आईसीएमओडी द्वारा शनिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया कि काठमांडू की मुख्य नदी बागमती शुक्रवार और शनिवार को पूर्वी तथा मध्य नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसमें कहा गया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा के कम दबाव की स्थिति और मानसून के कारण शनिवार को असाधारण रूप से मूसलाधार बारिश हुई. वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे एशिया में बारिश की मात्रा और समय में बदलाव आ रहा है. agency input

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