Bihar Flood: बिहार पर बाढ़ का खतरा! गंगा-गंडक सहित तमाम नदियों का जलस्तर बढ़ा
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Bihar Flood: बिहार पर बाढ़ का खतरा! गंगा-गंडक सहित तमाम नदियों का जलस्तर बढ़ा

नेपाल में हो रही लगातार बारिश का असर बिहार में दिखाई दे रहा है. नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश से बिहार में गंगा, कोसी और गंडक जैसी नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Bihar Flood News: नेपाल में हो रही लगातार बारिश का असर बिहार में दिखाई दे रहा है. नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश से बिहार में गंगा, कोसी और गंडक जैसी नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है. भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है ऐसे में दियारा इलाके के किसानों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सैकड़ों एकड़ में लगे किसानों के फसल सब्जियां डूब चुकी हैं, जिसे किसान समय से पूर्व काटकर अपने पशुओं को खिला रहे है. छोटे-छोटे बच्चे भी खतरा मोल लेते हुए जुगाड़ के नाव के सहारे खेतो से फसल काटकर ला रहे हैं. किसानों का जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. हर वर्ष बाढ़ आने से किसानों को लाखों का नुकसान होता है. नाथनगर रसीदपुर का दियारा व निचला इलाका जलमग्न है किसानों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 

इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर गण्डक बराज से 3 लाख 3 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके साथ ही नदी के जलस्तर में फिर एक बार उछाल आ गया है. निचले इलाकों समेत नदी तट वाले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. गण्डक बराज से आज यानी रविवार (20 अगस्त) इस मानसून सत्र में सर्वाधिक 3.3 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के साथ ही नदी में उफान आ गया है. लिहाजा नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ ही बाढ़ का भी खतरा तेज़ हो गया है. एहतियातन बराज के सभी 36 फाटक उठा दिए गए हैं. 24 घण्टे 3 शिफ्ट में ऑटोमेटिक व मैनुअल तरीके से पल पल सीसीटीवी कैमरों के जरिए भी मॉनिटरिंग की जा रही है. नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद गण्डक नदी में उफान आ गया है. जल संसाधन विभाग की ओर से बांधों की 24 घण्टे निगरानी की जा रही है. नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बाद कभी बाढ़ तो कभी कटाव की समस्या उत्पन्न हो रही है.

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नेपाल में भी बारिश होने के कारण नेपाल से निकलने वाली कमला नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा हैं. जयनगर में कमला नदी के आसपास के इलाके के लोग दहशत में हैं. वहीं दूसरी तरफ लगातार हो रहे बारिश से किसानों में ख़ुशी देखने को मिल रही है. जल संसाधन विभाग के अनुसार कमला नदी में पानी और बढ़ने की संभावना है. अभी कमला नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. ऐसे में बाढ़ को लेकर निचले इलाके के लोगो को चिंता सताने लगी है की बाढ़ बेघर न कर दे. वहीं मधुबनी में बारिश नहीं होने से किसानों के खेत मे लगे फसल सूरज देवता के प्रकोप में जल रहा था. खेत मे दरारें आ गई थीं. 

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नेपाल के कोसी बराज ने अपना 34 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. कोसी बराज से इस साल का सर्वाधिक 4 लाख 62 हजार 345 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया है. रात 2 बजे से सुबह 4 बजे के बीच लगातार यह डिस्चार्ज रिकॉर्ड हुआ है. जिसके बाद कोसी के अभियंता अलर्ट पर हैं. वही प्रशासन भी मुस्तैद नजर आ रहा है. डीएम कौशल कुमार और सदर एसडीएम मनीष कुमार तटबंध के इलाकों का जायजा ले रहे हैं. वही तटबंध के अंदर पानी बढ़ने के कारण लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं. दोपहर बाद आबादी वाले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने के आसार हैं. इस बीच रात से अब तक आबादी वाले इलाकों में कोसी नदी के पानी में करीब 1 फीट की बढ़ोतरी हो चुकी है. बता दें कि कोसी बराज के इतिहास में ऐसा तीसरी बार हुआ है जब बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं. लिहाजा बराज से भारी वाहनों के आवागमन पर आंशिक रोक लगा दी गई है. अब तक के इतिहास में कोसी बारात से सर्वाधिक वॉटर डिसचार्ज वर्ष 1968 में रिकॉर्ड 7 लाख 88 हजार 200 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया था. 

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