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मुंगेर : गरीबों के लिए सरकारी अनुदानित दर पर मिलने वाले चावल की कालाबाजारी का धंधा धड़ल्ले से जारी था. इस मामले में 36 घंटे की जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज हुई. प्राथमिकी दर्ज होने से पहले ही पुलिस और अधिकारियों की मिलीभगत के बाद चावल मालिक को छोड़ दिया गया, अब इस पूरे मामले में एसडीओ का कहना है कि इसकी जांच की जा रही है.
दरअसल मामला 5 अगस्त की सुबह लगभग 9 बजे सुल्तानगंज से आ रही एक ट्रक में कालाबाजारी के लिए ले जाई जा रही 480 बोरी सरकारी अनुदानित चावल संग्रामपुर थाना पुलिस के द्वारा जब्त किया गया. वहीं कार्रवाई के दौरान चावल के मालिक एवं ट्रक चालक को गिरफ्तार कर थाने में पूछताछ के लिए रखा गया. धीमी गति से चलने वाली जांच के कारण डेढ़ दिन बीत जाने के बाद कालाबाजारी के लिए ले जाए जा रही चावल पर अनुमंडल पदाधिकारी तारापुर रंजीत कुमार, प्रभारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी तारापुर राहुल कुमार, एवं संग्रामपुर थाना अध्यक्ष रंजन कुमार के द्वारा तहकीकात के बाद 6 अगस्त की रात करीब 10 बजे प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के द्वारा वाहन मालिक एवं कालाबाजारी के लिए ले जा रहे चावल मालिक पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी. हद तो तब हो गई जब 24 घंटे संग्रामपुर पुलिस की कस्टडी में चावल मालिक मुकेश कुमार को रखने के बाद उसे प्राथमिकी दर्ज करने से पहले छोड़ दिया गया. ट्रक चालक ने बताया कि संग्रामपुर पुलिस के द्वारा ट्रक भरी चावल के साथ मुझे और चावल मालिक को गिरफ्तार किया लेकिन 24 घंटे के अंदर पुलिस एवं विभागीय पदाधिकारी ने चावल मालिक को छोड़ दिया और मुझे नहीं छोड़ा.
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वहीं इस मामले में जब तारापुर अनुमंडल पदाधिकारी रंजीत कुमार से बात की तो उन्होंने कहा की गुप्त सुचना मिली की सुल्तानगज से एक ट्रक में अनुदानित चावल कालाबाजारी के लिए जा रहा है. इसी सुचना के आधार पर संग्रामपुर थाना पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया. वहीं जब एमओ द्वारा चावल की जांच की गयी तो चावल अनुदानित पाई गयी. उन्होंने कहा की 50 किलो के कुल 480 बोरी इसमें पायी गयी. जिसके बाद थाने में मामला दर्ज किया गया. वहीं जब एसडीओ से पूछा गया की चावल कालाबाजरी के लिए जा रहे एक व्यक्ति को छोड़ दिया गया तो उन्होंने कहा मामले की जांच की जा रही है.