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Patna: बिहार में इन दिनों वो हो रहा है, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी. सत्ता में भागीदार दो दलों के बीच चल रहा घमासान सारी सीमाओं को तोड़ता जा रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि जो काम विपक्ष का होता है, वो सत्ताधारी दल ही एक-दूसरे के खिलाफ कर रहे हैं. प्रदेश के विकास को लेकर BJP और JDU के बीच तकरार लगातार बढ़ती जा रही है. JDU जहां बार-बार बिहार के विकास के लिए केन्द्र सरकार से 'स्पेशल स्टेटस' की मांग कर रही है. वहीं BJP हर बार ये कहकर पलटवार कर रही है कि बिहार में विकास करने लायक नीतियां ही नहीं बनाई गई हैं.
दोनों सहयोगी दलों के बीच की कड़वाहट न सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित है, बल्कि अब तो एक-दूसरे को नीचा दिखाने के चक्कर में अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. BJP ने अपने बयान और आरोपों के जरिए विपक्ष के हाथ में बड़ा मुद्दा थमा दिया है. वहीं जवाब में JDU ने सहयोगी को चुनौती देकर विपक्ष के ही आरोपों पर मुहर लगा दी है. प्रदेश में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि विपक्ष को अलग से कुछ करने की जरूरत ही नहीं है. सत्ता पक्ष में बैठे लोग ही एक-दूसरे की पोल खोलने के खेल में जुटे हैं और विपक्ष का काम आसान कर रहे हैं.
'BJP प्रदेश अध्यक्ष ने आंकड़ों से किया वार'
बिहार को 'स्पेशल स्टेटस' दिलाने के नाम पर BJP और JDU के बीच खींचातानी लंबे वक्त से चल रही है. JDU ने इसके लिए बकायदा एक अभियान सोशल मीडिया पर चला रखा है. लोकसभा और राज्यसभा में जहां JDU के सांसद प्रधानमंत्री से ये मांग कर रहे हैं, तो सोशल मीडिया पर भी एक कैंपेन चलाकर बिहार के लिए 'विशेष' दर्जे की मांग की जा रही है. लेकिन JDU के इस अभियान से BJP को ऐतराज है. BJP बार-बार विशेष दर्जे की आवश्यकता को सिरे से नकार रही है. यहां तक कि JDU को सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाने से भी मना कर रही है.
BJP के तमाम ऐतराज के बाद भी जब JDU ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कैंपेन चलाना बंद नहीं किया, तो BJP ने बिहार में उसका बदला लेने की तैयारी कर दी. BJP ने एक के बाद एक बयान देकर या सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर बिहार सरकार की नीतियों और कामकाज को सवालों के घेरे में लिया. BJP के इस अभियान का नेतृत्व खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने किया. संजय जायसवाल ने खुद सोशल मीडिया पर कई पोस्ट डाले और बिहार के विकास पर सवाल खड़े किए. लेकिन अब बात उससे भी ज्यादा बढ़ गई है.
इस बार संजय जायसवाल ने कई आंकड़े पेश कर प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया है. संजय जायसवाल ने देश के अन्य प्रदेशों से बिहार की तुलना की है. उन्होंने कहा कि 'महाराष्ट्र की आबादी बिहार से एक करोड़ ज्यादा है, लेकिन बिहार को महाराष्ट्र की तुलना में केन्द्र सरकार से 31 हज़ार करोड़ रुपए ज्यादा मिलते हैं. पश्चिम बंगाल भी एक पिछड़ा प्रदेश है, लेकिन उसके मुकाबले भी बिहार को 21 हज़ार करोड़ रुपए ज्यादा मिलते हैं. यहां तक कि जीएसटी से भी सबसे ज्यादा फायदा बिहार को हुआ है. बिहार सरकार को पहले उद्योग हर हाल में लगाना होगा. रोजगार सृजन करना होगा. पीपीपी मोड पर काम करना होगा, तभी विकास संभव है. केन्द्र सरकार से ज्यादा पैसे मिलने के बाद भी बिहार दूसरे प्रदेशों से पीछे रह जाता है.'
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संजय जायसवाल के इस पोस्ट के बाद JDU तो मानो तिलमिला गई है. JDU के प्रवक्ताओं के साथ-साथ खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी मोर्चा संभाल लिया. सभी नेताओं ने BJP प्रदेश अध्यक्ष को जमकर निशाने पर लिया. JDU ने कहा कि 'डॉक्टर संजय जायसवाल को अपना ज्ञान बढ़ाने की जरूरत है. नीतीश कुमार के विकास का एजेंडा ही है कि देश के अन्य राज्यों ने बिहार की कई योजनाओं को अपनाया है. यहां तक कि केन्द्र सरकार ने भी बिहार की कई योजनाओं की न सिर्फ तारीफ की है, बल्कि उसे राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया है. ऐसा लगता है कि BJP प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार की फजीहत कराने का ठेका लिया है. वो जिन मुद्दों और विभागों के काम पर सवाल उठा रहे हैं, वो सारे विभाग बिहार सरकार में BJP के पास हैं. तो क्या वो अपनी पार्टी के कोटे से मंत्री बने नेताओं को निशाने पर ले रहे हैं?'
JDU ने तो संजय जायसवाल को किसी भी मंच पर आकर JDU से बहस करने की चुनौती दे डाली. पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि 'BJP प्रदेश अध्यक्ष को ये बताना चाहिए कि बिहार को विशेष पैकेज के तौर पर क्या मिला है. जो भी रकम मिली है, वो अन्य प्रदेशों को भी मिलती है. जिन योजनाओं में पैसे केन्द्र सरकार ने दिए हैं, वो योजनाएं केन्द्र सरकार की ही जिम्मेदारी हैं. इसलिए अब ये स्पष्ट करना चाहिए कि विशेष पैकेज के तौर पर केन्द्र सरकार से कितनी अतिरिक्त राशि प्रदेश को मिली है.'
'JDU और BJP पर विपक्ष ने साधा निशाना'
एक तरफ सत्ताधारी NDA गठबंधन में ही घमासान मचा हुआ है, तो दूसरी तरफ विपक्ष को भी हमला बोलने का मौका मिल गया है. विपक्ष ने BJP और JDU दोनों को निशाने पर लिया. विपक्ष ने कहा कि 'सरकार में शामिल ये दोनों दल सिर्फ जनता को बेवकूफ बना रहे हैं. आपस की तकरार में जनता के सारे मुद्दे गौण हो गए हैं.'
विपक्ष ने सबसे ज्यादा निशाने पर BJP को लिया. कांग्रेस और RJD ने कहा कि 'विपक्ष को पहले से पता था कि केन्द्र सरकार से विशेष पैकेज मिलने की बात झूठी है. केन्द्र ने बिहार को कुछ भी अतिरिक्त नहीं दिया है. लेकिन जब विपक्ष ये आरोप लगाता था तब NDA के घटक दल ये दावा करते थे कि मोदी सरकार ने बिहार को बहुत पैसे दिए हैं. विकास की कई योजनाओं के लिए केन्द्र ने बिहार को विशेष सौगात दी है. तब JDU भी लगातार केन्द्र सरकार की तरफ से मोर्चा संभाल लेती थी और विशेष मदद मिलने के दावे करती थी. लेकिन अब सच्चाई सामने आ गई है और आपस में लड़कर ही दोनों दलों ने सब कुछ उगल दिया है.'
विपक्ष ने ये भी साफ किया कि बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग बिलकुल सही है. RJD ने कहा कि 'नीतीश कुमार इतने लाचार हो गए हैं कि वो कोई सख्त कदम भी नहीं उठा सकते. उन्हें बार-बार जलील करने की कोशिश BJP की तरफ से हो रही है और वो बर्दाश्त करने को मजबूर हैं. सच ये है कि बिहार को BJP विशेष दर्जा देना ही नहीं चाहती. बिहार के साथ लगातार भेदभाव हो रहा है.'
विपक्षी दल कांग्रेस ने भी BJP को निशाने पर लिया. कांग्रेस ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुला निमंत्रण दिया कि 'वो अगर चाहें तो BJP का साथ छोड़कर कांग्रेस के साथ आएं. हमारे दरवाजे हमेशा उनके लिए खुले हैं. अगर JDU को BJP काम करने से रोक रही है तो नीतीश कुमार को फैसला करना चाहिए.'
गौरतलब है कि ये कोई पहला मौका या पहला मुद्दा नहीं है, जब NDA के घटक दलों में टकराव के हालात बने हैं. इससे पहले भी कई मुद्दों पर भिड़ंत पिछले कुछ महीने से देखने को मिल रही है. पहले जातिगत जनगणना पर BJP-JDU के सुर अलग नजर आए, उसके बाद विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर टकराव सामने आया, और अब केन्द्र से विशेष पैकेज मिलने की बात पर अलग-अलग बयान देकर दोनों दलों ने रिश्तों में बढ़ती खाई को जगजाहिर कर दिया है. ऐसे में अगर जल्द ही इस भड़कती चिंगारी पर पानी नहीं डाला गया तो ये आग के शोलों में बदल जाएगी. क्योंकि विपक्ष इस आग में घी डालने को तैयार बैठा है.