Caste Census: बिहार के बेगूसराय में राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बिहार में होने वाली जातीय जनगणना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि जाति विहीन समाज की सपना को लेकर वह आगे बढ़ रहे हैं. जातीय जनगणना से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि बिहार शिक्षा के क्षेत्र में और लोकतंत्र के जननी के रूप में देश में आगे रहा है.
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बेगूसरायः Caste Census: बिहार के बेगूसराय में राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बिहार में होने वाली जातीय जनगणना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि जाति विहीन समाज की सपना को लेकर वह आगे बढ़ रहे हैं. राकेश सिन्हा ने आगे कहा कि जातीय जनगणना से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि बिहार शिक्षा के क्षेत्र में और लोकतंत्र के जननी के रूप में देश में आगे रहा है.
बच्चों नें कंपटीशन में उच्च शिक्षा में सर्वोत्तम स्थान प्राप्त किया
बिहार के बच्चो ने बड़े पैमाने पर कंपटीशन में उच्च शिक्षा में सर्वोत्तम स्थान प्राप्त किया है. जिसमें गांव और गरीब के बच्चे भी शामिल हैं. आज बिहार पूरे देश के सामने एक जातिवादी राजनीति में क्यों लिपता हुआ है. जाति विहीन समाज की कल्पना जो पंडित दीनदयाल उपाध्याय, जय प्रकाश, लोहिया ने जाति विहीन समाज को सपने को आगे बढ़ाने के लिए मैं मेहनत कर रहा हूं, जो भी कदम जातिवाद को आंदोलन को बढ़ायेगा, वह बिहार के विकास के लिए हानिकारक है.
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1940-50 के दशक में नहीं जाएगा बिहार
बिहार 1940-50 के दशक में नहीं जाएगा. जाति विहीन समाज के सपने को नौजवान सामने लाए और जातीय राजनीति से ऊपर उठकर बिहार को विकास के पैमाने पर देश और दुनिया के सामने लाए. यदि जातियों की होड़ होगी कि हमारी संख्या कितनी है क्या संख्यात्मक खेल से देश चलेगा. मैं मानता हूं इस देश में जाति विहीन सपना जो जयप्रकाश और विनोबा भावे ने देखा, उस जाति विहीन समाज को लेकर आगे बढ़ना चाहता हूं. जो भी परेशानी, जो भी कार्रवाई जातिवाद को आगे बढ़ाता है उसे ध्वस्त करना होगा.
(रिपोर्ट-राजीव कुमार)
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