तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना (Caste Census) के मसले पर आम सहमति बनाने की कोशिश शुरू कर दी है. तेजस्वी ने 33 दलों के नेताओं को पत्र लिखकर उनका समर्थन मांगा है.
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Patna: जातिगत जनगणना पर केन्द्र सरकार ने अपना स्टैंड साफ कर दिया है. लेकिन जेडीयू का स्टैंड अभी तक साफ नहीं हो पाया है. जेडीयू ने केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना के मसले पर उम्मीदों का दामन अभी भी नहीं छोड़ा है. इधर, केंद्र की ओर से इशारा मिलने के बाद तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) जातिगत जनगणना के मसले पर अपनी मुहीम में जुट गए हैं.
तेजस्वी ने 33 दलों के नेताओं को लिखा पत्र
तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना (Caste Census) के मसले पर आम सहमति बनाने की कोशिश शुरू कर दी है. तेजस्वी ने 33 दलों के नेताओं को पत्र लिखकर उनका समर्थन मांगा है. लेकिन मामले पर कांग्रेस की राय बिलकुल अलग है. कांग्रेस की मानें तो जबतक इस मसले पर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एनडीए से अलग होकर कोई फैसला नहीं लेते जातिगत जनगणना की मुहीम आगे नहीं बढ़ सकती.
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तेजस्वी ने विभिन्न दलों से मांगा समर्थन
दरअसल, जातिगत जनगणना (Caste Census) के मसले पर बिहार की सियासत को अब राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. बिहार विधान सभा (Bihar Vidhansabha) में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुहीम का बीड़ा उठाया है. जातिगत जनगणना के मसले पर केंद्र सरकार की 'न' के बाद तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय स्तर पर इस मामले पर आम सहमति बनाने की कवायद शुरू कर दी है. इसी क्रम में तेजस्वी यादव ने 33 अलग-अलग दलों के वरिष्ठ नेताओं को पत्र लिखकर जातिगत जनगणना के मसले पर उनका समर्थन मांगा है. तेजस्वी के इस मुहीम पर सियासी बवाल खड़ा हो गया है.
वहीं, बीजेपी नेता और बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी ने इसे द्वेश फैलाने वाला कदम बताया है. रेणु देवी (Bihar Deputy CM Renu Devi) ने कहा है कि बीजेपी सामाजिक समरसता की बात करती है और तेजस्वी जाति जनगणना की बात कर रहे हैं.
'वोट की राजनीति कर रहे राजनीतिक दल'
रेणु देवी ने कहा, 'जाति जनगणना से क्या होगा? द्वेश बढ़ेगा. सबका साथ सबका विकास हमारा लक्ष्य है. ये लोग वोट की राजनीति कर रहे हैं. जितने लोगों को पत्र लिखा गया वो बताएं कि उन्होंने किन जाति के लोगों को बनाया है. सिर्फ अपने परिवार के लोगों को बनाया है. परिवार की चिंता की है, जिसने जाति जनगणना की बात नहीं कि उसने सभी जाति को सम्मान दे दिया. आज बिहार में डिप्टी सीएम अतिपिछड़ा समाज की महिला है. इससे बड़ा उदाहरण क्या होगा.'
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जाति जनगणना पर तेजस्वी गंभीर
वहीं, आरजेडी प्रवक्ता एज्या यादव ने कहा, 'जनगणना के मसले पर अगर कोई नेता गंभीर है तो वो तेजश्वी यादव हैं. डेलीगेसन दिल्ली ले जाना, पत्र लिखना उनकी गंभीरता को दर्शा रहा है. नीतीश कुमार तो बस झूठ का दिखावा कर रहे. तेजश्वी यादव की कोशिश है कि जातिगत जनगणना के मसले पर पूरे देश में राजनीतिक दल एकजुट हों, क्योंकि केंद्र सरकार ने अपनी मनसा जाहिर कर दी है.'
कांग्रेस को नीतीश के फैसले का इंतजार
इधर, तेजस्वी के लेटर पर सबसे बड़ी प्रतिक्रिया कांग्रेस नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा की तरफ से आया है. प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा, 'तेजश्वी ने लेटर लिखा है ये अच्छी बात है. लेकिन इस लेटर से कुछ नहीं होने वाला. हम तो पहले से इस मुद्दे पर साथ हैं. इस मुहिम को तब बल मिलेगा जब नीतीश कुमार सरकार से बाहर आएंगे या खुद जनगणना कराने का फैसला लें. हमे नीतीश कुमार के फैसले का इंतजार.'