अभिनेता सोनू सूद के नाम पर ठगी, बीमार शिक्षक को अपने इलाज के लिए मदद मांगना पड़ महंगा
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अभिनेता सोनू सूद के नाम पर ठगी, बीमार शिक्षक को अपने इलाज के लिए मदद मांगना पड़ महंगा

नालंदा में अभिनेता सोनू सूद के नाम पर ठगी की घटना सामने आ रही है. घटना की मानें तो बीमार शिक्षक को अपने इलाज के लिए सोनू सूद से मदद मांगना महंगा पड़ गया.

(फाइल फोटो)

नालंदा : नालंदा में अभिनेता सोनू सूद के नाम पर ठगी की घटना सामने आ रही है. घटना की मानें तो बीमार शिक्षक को अपने इलाज के लिए सोनू सूद से मदद मांगना महंगा पड़ गया. साइबर ठगों ने उनके अकाउंट को ही इस मदद मांगने के बदले खाली कर दिया.

फेफड़ा ट्रांसप्लांट के लिए शिक्षक को चाहिए है 45 लाख
घटना बिहार थाना क्षेत्र द्वारका नगर मोहल्ले का है. पीड़ित शिक्षक शुभम कुमार पिछले एक साल से किसी गंभीर बीमारी से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में कोरोना संक्रमित होने के बाद उसका फेफड़ा पूरी तरह से संक्रमित हो गया है. चेन्नई स्थित एमजीएम हेल्थकेयर में उसके फेफड़े के ट्रांसप्लांट के लिए 45 लाख रुपए की मांग की गई है. तब से वह पैसे के अभाव में इलाज के लिए घर आया और ऑक्सीजन सपोर्ट पर बिहार शरीफ में किराए के मकान पर रह रहा है. 

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सोनू सूद से मांगी मदद तो हो गया ठगी का शिकार
पीड़ित शिक्षक शुभम कुमार अपने इलाज के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री तक से गुहार लगा चुका है. लेकिन किसी ने उसकी जानकारी नहीं ली. मदद की आस में बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद को ट्वीट कर उसने इलाज की गुहार लगाई. शनिवार की देर शाम किसी अंजान शख्स ने खुद को सोनू सूद का मैनेजर बोलकर उनसे बात किया. फिर उसे एक लिंक भेज कर रजिस्ट्रेशन करने को कहा. 

समझदारी की वजह से कम पैसे का लगा चूना
जिसपर उसे कुछ शक हुआ तो शिक्षक ने अपने अकाउंट में दो हजार रुपए छोड़कर सारा पैसा अपने भाई के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया. दो हजार रुपए रहने के बाद उसने जब दिए गए लिंक को डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन की प्रकिया शुरू की तो उसके कुछ देर बाद उसके अकाउंट से वह रुपए भी गायब हो गए. उसके बाद पीड़ित शिक्षक का माथा ठनका और अपने आप को ठगा महसूस किया. 

अभी भी परिवार वालों को है मदद की दरकरार 
पीड़ित की मां की मानें तो उनका पुत्र जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है. हर दिन 4 घण्टे ऑक्सीजन के सपोर्ट पर रखना पड़ता है. पुत्र के इलाज के लिए अपना खेत तक बेच चुके हैं. घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य उनका बड़ा पुत्र शुभम ही था. जो कोचिंग चलाकर अपने बुजुर्ग माता पिता का भरण पोषण करता था. उन्हें अपने पुत्र के इलाज के लिए किसी रहनुमा की जरूरत है जो उनके इलाज में मदद कर सकें.

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