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Chapra: छपरा सदर प्रखंड के चिरांद पंचायत दलित बस्ती में सड़कों का हाल बेहाल है. पिछले कई सालों से यहां के लोग सड़क न बनने के कारण परेशान हैं. सड़कों पर गढ्ढे बन गए हैं. लोगों द्वारा शिकायत करने के बाद भी प्रशासन द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
निरीक्षण के बाद भी नहीं बनी सड़कें
दरअसल, साल 2015 की 15 मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा जलमीनार का उद्घाटन किया गया था. उस समय उन्होंने जिलाधिकारी को आदेश देकर सड़क निर्माण कराने को कहा था. इतने साल बीत जाने के बाद भी यहां की सड़कों का निर्माण नहीं हो पाया है. साथ ही मुख्यमंत्री के आदेशों को नजरअंदाज करते हुए यहां गंगा आरती में शामिल होने के लिए राज्य व केंद्र मंत्री भी कई बार आ चुके हैं. साथ ही स्थानीय सांसद भी पहुंचकर सड़क का निरीक्षण कर चुके हैं. उसके बाद भी इस सड़क का निर्माण आज तक नहीं हो पाया है. जिसके कारण दलित बस्ती के लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सड़कों के गढ्ढों में पानी भरा
यहां की सड़कें गढ्ढों में बदल चुकी हैं. हर साल बारिश में सड़कों के गढ्ढों में पानी भर जाता है. जिसके कारण छोटे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. सड़क की हालत इतनी बुरी है कि अक्सर यहां से कीड़े मकोड़े निकलते रहते हैं. जिसका शिकार दलित बस्ती के लोग अक्सर होते रहते हैं. सरकार की योजना 'ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना, गली नली का निर्माण करना' दलित बस्ती में फेल नजर आ रही है
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