Bihar Politics: RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) के छोटे बेटे अजीत सिंह (Ajit singh) जेडीयू का दामन थामेंगे. उन्होंने कहा है कि आरजेडी में सीखने को अब बहुत कुछ नहीं है, नीतीश कुमार (Nitish kumar) से ज्यादा सीखने को मिलेगा.
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पटना: राजनीति में असल में जो होता है, वह नजर नहीं आता. बिहार में हर जगह जनता दल यूनाइटेड (JDU) को कांटे की टक्कर देने वाली RJD को सीएम नीतीश कुमार तगड़ा झटका देने की तैयारी में हैं. मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU ज्वाइन करने वाले हैं. खबरों की मानें तो अजीत सिंह आने वाले 12 अप्रैल को JDU ज्वाइन कर सकते हैं. 12 अप्रैल को अजीत सिंह JDU के अध्यक्ष ललन सिंह की मौजूदगी में जनता दल यूनाइटेड की सदस्यता लेंगे.
आरजेडी में सीखने को अब बहुत कुछ नहीं- अजीत सिंह
अजीत सिंह ने कहा कि पिता जगदानंद सिंह के RJD में रहने के चलते वो पार्टी के साथ कार्यकर्ता के रूप में जुड़े थे. RJD भी समाजवादी सोच की पार्टी है और JDU भी. आरजेडी में सीखने को अब बहुत कुछ नहीं है. नीतीश कुमार जिस ढ़ंग से बीते 15 साल से सरकार चला रहे हैं, उसके बाद ऐसा लगता है कि उनके साथ सीखने को ज्यादा मिलेगा. यही कारण है कि उन्होंने RJD छोड़कर JDU की सदस्यता ग्रहण करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि मेरे जेडीयू में जाने से मेरे परिवार में कोई टूट नहीं होगी. मेरे पिता जगदानंद सिंह ने राजनीतिक फैसले लेने के लिए हमें छूट दी हुई है. मेरे बड़े भाई सुधाकर सिंह पहले बीजेपी में थे, अब आरजेडी में हैं.
यहां जानें जगदानंद सिंह के परिवार के बारे में
लालू यादव के खास और RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के चार बेटे हैं. दिवाकर सिंह, पुनीत कुमार, रामगढ़ से विधायक सुधाकर सिंह और सबसे छोटे बेटे इंजीनियर अजीत सिंह. इंजीनियर अजीत सिंह की चर्चा उस वक्त खूब हुई थी जब उन्होंने अंतर्जातीय शादी की थी.
जगदानंद ने अपने बेटे को हरवा दिया था चुनाव
जगदानंद प्रसाद सिंह के व्यक्तित्व का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने अपने बेटे के खिलाफ अपने ही चुनाव क्षेत्र में प्रचार किया था. वंशवाद विरोधी जगदानंद ने एक राजनीतिक कार्यकर्ता से अपने बेटे सुधाकर सिंह को 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में हरवा दिया था. हालांकि तब से अब तक चीजें काफी बदल गई हैं. उनके बेटे सुधाकर सिंह अब आरजेडी के विधायक हैं. लेकिन 10 साल पहले शायद देश के राजनीतिक इतिहास में ये अपने ढ़ंग की अनोखी घटना थी. ये तब हुआ जब जगदानंद का अपना दल आरजेडी घनघोर परिवारवाद के लिए चर्चित रहा था, हालांकि आज भी इसकी चर्चा होती है. लालू प्रसाद चाहते थे कि जगदानंद बाबू का बेटा आरजेडी की टिकट पर रामगढ़ से चुनाव लड़े. 2009 में सांसद बनने से पहले जगदानंद सिंह 1985 से लगातार रामगढ़ (कैमूर) से जीतते रहे थे. लेकिन जगदानंद ने अपने बेटे को RJD का टिकट नहीं लेने दिया. बाद में बीजेपी ने सुधाकर सिंह को टिकट देकर अपना उम्मीदवार बना दिया.