बिहार: तीसरी बार राज्यसभा जानें से चूके मंत्री आरसीपी सिंह, जानिए जदयू ने क्यों काटा टिकट
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बिहार: तीसरी बार राज्यसभा जानें से चूके मंत्री आरसीपी सिंह, जानिए जदयू ने क्यों काटा टिकट

इसके पीछे कई ऐसे कारण हैं जो आरसीपी के खिलाफ गए और जिसकी वजह से वो तीसरी बार राज्यसभा जानें से चूक गए.

जदयू में रहते हुए आरसीपी सिंह को भाजपा का करीबी माना जात है

पटना: Rajya Sabha Chunav 2022: बिहार में राज्यसभा चुनाव के लिए जदयू ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया. पार्टी ने झारखंड जदयू के अध्यक्ष और मांडू क्षेत्र के पूर्व विधायक खीरू महतो को  राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है. हालांकि, चर्चा इसको लेकर अधिक है कि आखिर क्यों नीतीश कुमार ने अपने सबसे खास माने जाने वाले आरसीपी सिंह को तीसरी बार राज्यसभा नहीं भेजा. वो भी तब, जब आरसीपी सिंह केंद्र में जदयू की तरफ से अकेले मंत्री हैं. तो दरअसल, इसके पीछे तमाम ऐसे कारण हैं जो आरसीपी के खिलाफ गए और जिसकी वजह से वो तीसरी बार राज्यसभा जानें से चूक गए.

ललन सिंह और आरसीपी सिंह में दिखी दूरियां
सूत्रों की मानें तो जदयू की तरफ से केंद्र में दो मंत्री पद मांगे गए थे लेकिन सिर्फ एक पद मिला जिसके बाद पार्टी में जमकर गुटबाजी हुई. इसके बाद जब ललन सिंह को जदयू का अध्यक्ष बनाया गया तो आरसीपी विरोधी खेमें के नेता बने और इसका असर ये हुआ कि ललन ने आरसीपी के अध्यक्ष के तौर पर लिए गए कई फैसलों को बदल दिया.

पार्टी नेतृत्व को किया चैलेंज
आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बनने के बाद स्वतंत्र रूप से काम करने लगे जो पार्टी को अच्छा नहीं लगा. इसके साथ ही, आरसीपी सिंह पर पार्टी नेतृत्व के समानांतर यात्रा करने का आरोप लगा.

पार्टी से भिन्न रही कई मुद्दों पर राय
चौथा कारण ये रहा कि आरसीपी सिंह की वजह से पार्टी पूरे राज्य में दो गुटों में साफतौर पर बंटी दिखी. जिसके बाद उनको (आरसीपी) लेकर विरोधी खेमा लगातार अभियान चलाता रहा और इसका असर टिकट वितरण पर पड़ा. इसके अलावा जातीय जनगणना (Caste Census) और विशेष राज्य (Bihar Special Status) के दर्जे पर आरसीपी सिंह ने पार्टी से अलग राय दी.

बीजेपी से दिखी नजदीकियां
इसके अलावा जदयू में रहते हुए आरसीपी सिंह को भाजपा का करीबी माना जात है, ये भी उनके टिकट कटने का बड़ा कारण है. क्योंकि हाल के दिनों में बीजेपी और जेडीयू में कई मुद्दों पर बंटे रहे जो दोनों की दूरियों के कारण हैं. हालांकि, बीते दिनों ने आरसीपी सिंह ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. तो उम्मीद की गई थी कि दोनों के बीच सुलह होगी लेकिन टिकट कटने के बाद तमाम कयासों को और बल मिला. इस बीच, आज आरसीपी सिंह ने पीसी कर साफ किया कि उनकी नीतीश और ललन सिंह से कोई दूरियां नहीं हैं, वो नीतीश के कहने पर ही मंत्री बनें हैं.

आरसीपी ने नीतीश को बताया अपना नेता
आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार उनके नेता हैं और वो जब बुलाएंगे तो दिल्ली से पटना आ जाएंगे. इस दौरान आरसीपी सिंह ने कहा कि वो मंत्री पद को लेकर दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. सूत्रों की मानें तो आरसीपी अभी 6 माह तक और मंत्री बनें रहेंगे. 

(इनपुट-शैलेंद्र कुमार सिंह)

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