आचार संहिता उल्लंघन मामले में लालू यादव की मुश्किलें बढ़ी, आरोप गठित
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आचार संहिता उल्लंघन मामले में लालू यादव की मुश्किलें बढ़ी, आरोप गठित

आचार संहिता उल्लंघन और भड़काऊ भाषण देने के मामले में एसीजेएम प्रथम कोर्ट में लालू प्रसाद यादव के विरुद्ध आरोप गठित किया गया. दरअसल लालू यादव ने 27 सितंबर 2015 को राघोपुर विधानसभा के तेरसिया में चुनावी जनसभा के दौरान अगड़ों और पिछड़ों के बीच निर्णायक लड़ाई को लेकर बयान दिया था. 

भड़काऊ भाषण देने के मामले में कोर्ट में लालू प्रसाद यादव के विरुद्ध आरोप गठित किया.

हाजीपुर: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. आचार संहिता उल्लंघन और भड़काऊ भाषण देने के मामले में एसीजेएम प्रथम कोर्ट में लालू प्रसाद यादव के विरुद्ध आरोप गठित किया गया. दरअसल लालू यादव ने 27 सितंबर 2015 को राघोपुर विधानसभा के तेरसिया में चुनावी जनसभा के दौरान अगड़ों और पिछड़ों के बीच निर्णायक लड़ाई को लेकर बयान दिया था. 

आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज
मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात सीओ निरंजन कुमार ने लालू यादव पर गंगा ब्रिज थाने में आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में पुलिस ने दो अक्तूबर, 2015 को कोर्ट में आरोपपत्र समर्पित किया था. कोर्ट ने 11 फरवरी, 2019 को संज्ञान लिया था.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लालू प्रसाद की कोर्ट में पेशी
इस मामले में बीते 18 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लालू यादव की कोर्ट में पेशी हुई थी. बीते 23 अप्रैल को उनके अधिवक्ता ने एसीजेएम प्रथम स्मिता राज के कोर्ट में लालू यादव की जमानत के लिए याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी.

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बुधवार को सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुए. पेशी के दौरान उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों से साफ इंकार कर दिया. राजद सुप्रीमो के अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट में सवाल-जवाब के बाद उनके विरुद्ध चार्ज फ्रेम किया गया है.

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